सड़क पर गजराज, दहशत में इंसान
के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है। नेपाल से 20-22 उत्पाती हाथियों का झुंड खीरी के जंगलों से होते हुए एनएच 730 हाइवे तक पहुंच गए हैं।
लखीमपुर : दुधवा के बफरजोन के आसपास बसे ग्रामीण इन दिनों दहशत में हैं। नेपाल के लगभग 22 उत्पाती हाथियों ने खीरी के जंगल से होते हुए एनएच-730 में डेरा जमा लिया। अब धीरे-धीरे इन हाथियों के कदम बस्ती की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन वह कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। हाथियों को वापस नेपाल भेजने की कवायद में जुटे वनकर्मी जगह-जगह धुंआ कर रहे हैं। ये हाथी उल्टा इन पर हमलावर हो रहे हैं। वन कर्मियों की बढ़ी मुश्किलें
किशनपुर सेंक्च्युरी और उल्ल नदी किनारे दर्जनों उत्पाती हाथियों का झुंड पहले से ही वनकर्मियों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। अब इस नए झुंड ने और मुश्किलें बढ़ा दी है। हाथियों का यह झुंड नेपाल के शुक्ला फांटा सेंक्च्युरी से पीलीभीत के हरिनगर रेंज पहुंचा। इसके बाद भीरा रेंज, किशनपुर के चल्तुआ बीट और मैलानी रेंज की गढ़ा बीट जंगल से होते हुए भीरा-पलिया हाईवे तक पहुंच गया है। हाथियों के रुख को देखते हुए मोहम्मदी तहसील के आसपास बसे गांव वासियों में दहशत है।
इन जगहों पर फैली दहशत
हाथियों की दस्तक से मैलानी के जटपुरा, सोनहरा, भूड़, हरदुआ, ढाका, खंजनपुर, बासुकपुर, इंद्रानगर, ग्रंट नंबर तीन, परवस्तनगर, ढकैया, सीतारामपुर आदि गांवों के लोगों की नींद उड़ी हुई है। हाथी आक्रामक होकर फसलों और घरों को नुकसान पहुंचाते हैं।
प्रयास किया जा रहा कि जिस रास्ते से हाथी आए हैं वह उन्हीं रास्तों से वापस चले जाएं। इसके लिए वनकर्मियों की टीम लगाई गई है। लगातार मॉनीटरिग की जा रही है।
- डॉ. अनिल पटेल,
(डीडी बफरजोन)