एनसीईआरटी के कोर्स के साथ जबरन दिया जा रहा रजिस्टर

लखीमपुर उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद पुस्तक विक्रेताओं द्वारा सरकारी कोर्स के साथ जबरन एक रजिस्टर देकर मुनाफाखोरी का खेल जारी है। शहर ही नहीं जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में भी अभिभावको की जेब पर डाका डालने का क्रम बदस्तूर जारी है। निजी प्रकाशकों की किताबों पर प्रतिबंध लगने के बाद अब पुस्तक विक्रेताओं ने मुनाफाखोरी का नया तरीका निकाला है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Apr 2019 11:09 PM (IST) Updated:Sun, 07 Apr 2019 11:09 PM (IST)
एनसीईआरटी के कोर्स के साथ जबरन दिया जा रहा रजिस्टर
एनसीईआरटी के कोर्स के साथ जबरन दिया जा रहा रजिस्टर

लखीमपुर : उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद पुस्तक विक्रेताओं द्वारा सरकारी कोर्स के साथ जबरन एक रजिस्टर देकर मुनाफाखोरी का खेल जारी है। शहर ही नहीं जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में भी अभिभावको की जेब पर डाका डालने का क्रम बदस्तूर जारी है। निजी प्रकाशकों की किताबों पर प्रतिबंध लगने के बाद अब पुस्तक विक्रेताओं ने मुनाफाखोरी का नया तरीका निकाला है। इसके तहत एनसीईआरटी के कोर्स के साथ अभिभावकों को 40 से 50 रुपये तक एक रजिस्टर भी साथ में लेना होगा, इसके बिना सरकारी कोर्स मिल पाना संभव नहीं होगा। उच्च न्यायालय के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. आरके जयसवाल ने जिले में निर्देश जारी कर दिए हैं कि कोई भी इंटर कॉलेज छात्र-छात्राओं को किसी विशेष दुकान से कोर्स खरीदने के लिए दबाव नहीं बनाएगा, लेकिन दूसरी तरफ पुस्तक विक्रेताओं के द्वारा मुनाफाखोरी का क्रम जारी है। एनसीईआरटी के कोर्स खरीदने पर एक रजिस्टर अतिरिक्त खरीदना अभिभावकों की मजबूरी है। चंद रो•ा पहले तिकुनिया के निवासी रामविलास अपने बेटे के लिए किताब खरीदने आए थे। 67 रुपये की इंटरमीडिएट जीव विज्ञान की किताब के साथ उन्हें 40 रुपये का रजिस्टर भी पुस्तक विक्रेता ने यह कर दिया कि इसके बिना किताब दे पाना संभव नहीं होगा। दिनेश कुमार बताते हैं कि वह अपने बेटे की हाई स्कूल की किताब लेने के लिए सदर बाजार में गए थे। वहां भी पुस्तक विक्रेताओं ने उन्हें एक रजिस्टर दिया। सुरेश कुमार सिंह का बेटा भी जिला मुख्यालय पर हाई स्कूल का विद्यार्थी है। उन्हें भी 50 रुपये का रजिस्टर पुस्तक विक्रेता ने यह क्या कर दिया कि किताबों के साथ यह जरूरी है। जबकि उधर जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. आरके जायसवाल का कहना है कि अभी तक उनकी जानकारी में ऐसा नहीं है। बराबर निगरानी कर रहे हैं यदि कोई भी अभिभावक उनके पास आकर शिकायत करता है या उन्हें ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है तो वह तत्काल कार्रवाई करेंगे।

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