तेजी से किया जाए बाढ़-कटान रोकने का काम

दम्मल टांडा क्षेत्र के तटबंधों और कटान स्थलों का डीएम शैलेन्द्र कुमार व क्षेत्रीय विधायक अरविद गिरी ने निरीक्षण किया। बंधे को बचाने की कवायद शुरू।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 11:00 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 11:00 PM (IST)
तेजी से किया जाए बाढ़-कटान रोकने का काम
तेजी से किया जाए बाढ़-कटान रोकने का काम

लखीमपुर : बीते कई दिनों में बिजुआ ब्लॉक के तराई में बाढ़ प्रवाहित इलाके में कटान व बाढ़ की खबरों को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से छापा। उसके बाद जागे प्रशासन ने बुधवार को दम्मल टांडा क्षेत्र के तटबंधों और कटान स्थलों का डीएम शैलेन्द्र कुमार व क्षेत्रीय विधायक अरविद गिरी ने निरीक्षण किया। उन्होंने शारदा नदी के जलस्तर में वृद्धि को लेकर संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने की हिदायत दी। डीएम ने कटान स्थलों पर निरोधात्मक कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। बीते कई दिनों से लगातार बढ़ रहा शारदा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। शारदा के बढ़े इस जलस्तर ने बंधों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जिसमें बीते मंगलवार को दम्मल टांडा में स्टेड नंबर छह के पास बने बंधे को काटना शुरू कर दिया था। जिस पर ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक अरविद गिरि को इस मामले की जानकारी दी। जिस पर बुद्धवार जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार क्षेत्रीय विधायक अरविद गिरी व एसडीएम गोला मौके पर पहुंचकर उस तटबंध का मुआयना किया और डीएम ने उस बंधे पर जल्द कार्य शुरू कराने के सख्त निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बाढ़ चौकियों और राहत और बचाव कार्यों में लगाई गई टीम को सक्रिय करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाके में बाढ़ चौकियों पर दिन रात सतर्क रहने को कहा। निरीक्षण के दौरान एसडीएम गोला अखिलेश यादव, क्षेत्रीय विधायक अरविद गिरि व ग्रामीणों में रमन पाल सिंह, अमृत पाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, सुमित कुमार सिंह, हीरालाल आदि मौजूद रहे।

महज तीन प्रोकोप्राइन के सहारे बचाया जा रहा बांध दम्मल टांडा में शारदा नदी तांडव मचा रही है और लगातर स्टेट छह के पहले बंधे को नदी काट रही है। सोमवार की बात अगर की जाए तो नदी ने बंधे के 15 प्रोकोपाईंन उड़ा चुकी थी। वही बंधे को रोकने के लिए मजदूर भी लगातार जुटे रहे और 24 घण्टे के अंदर शारदा नदी ने बंधे के 3 और प्रोकोपाईंन को उड़ा दिया है। अब बांध सिर्फ शेष बचे 3 प्रोकोपाईंन के सहारे हैं। अगर जल्द से जल्द बंधे को रोका न गया तो कई गांव खतरे में आ सकते हैं।

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