ढाबा मालिक को महंगा पड़ा कछुआ पालने का शौक

सीतापुर रोड पर स्थित हर्षराही ढाबे के मालिक योगेंद्र वर्मा उर्फ रिकू को कछुए पालने का शौक महंगा पड़ गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:34 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:34 PM (IST)
ढाबा मालिक को महंगा पड़ा कछुआ पालने का शौक
ढाबा मालिक को महंगा पड़ा कछुआ पालने का शौक

लखीमपुर : सीतापुर रोड पर स्थित हर्षराही ढाबे के मालिक योगेंद्र वर्मा उर्फ रिकू को कछुए पालने का शौक महंगा पड़ गया। वन विभाग ने ढाबे से चार दुर्लभ प्रजाति के कछुए बरामद कर योगेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। योगेंद्र पर कछुए के अवैध व्यापार सहित तीन गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कछुए के व्यापार के संबंध में पूछताछ के लिए वन विभाग ने कोर्ट से 14 दिन का रिमांड लिया है। वन्यजीव संरक्षण में कछुआ पकड़कर पालना जैसे बाघ को पकड़ने के बराबर अपराध माना जाता है।

सोमवार रात हर्षराही ढाबे में सुंदरी प्रजाति (इंडियन फ्लैपशेल टर्टल) के चार कछुए एक गड्ढे में भरे पानी में रखे मिले। बताया गया कि कछुओं को पालकर ग्राहकों को आर्कषित किया जा रहा जा रहा था। रात में ढाबे पर पहुंचने वाले किसी ग्राहक ने कछुओं का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। कुछ ही देर में वीडियो वन विभाग के उच्चाधिकारी तक पहुंचा। जिसका संज्ञान लेते हुए टीम भेजी गई। चारों कछुओं को बरामद कर योगेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। रेंजर एनके राय ने बताया कि योगेंद्र पर भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जिनमें धारा 9/51-वन्यजीव को पकड़ना, 49 बी-वन्यजीव को पकड़कर लाना, 48 ए-बिना अनुमति व्यापार करना शामिल है। रेंजर ने बताया कि वन्यजीव अधिनियम में कछुआ पकड़ना बाघ पकड़ने के बराबर अपराध माना जाता है। आरोपित को जेल भेज दिया गया है। हाथियों के झुंड ने किया हाईवे क्रास महेशपुर रेंज की शहजनिया बीट में कई दिनों से प्रवास कर रहे हाथियों का दल अब दो गुटों में बंट गया है। वनकर्मियों को हाथियों के मिले पगचिन्हों से पता चल रहा है कि तकरीबन आधे हाथी गोला खुटार हाईवे क्रास कर मैलानी रेंज की तरफ निकल गए हैं जबकि आधे अभी शहजनिया जंगल को ही अपना ठिकाना बनाए हुए हैं। हाथियों का दल जंगल से बार-बार निकल कर खेतों में उत्पात मचाकर किसानों की धान व गन्ना की फसलों को तबाह कर रहा है। उत्पाती हाथियों से जानमाल व फसलों के नुकसान का खतरा बना हुआ है। वहीं बरसात के चलते हाथियों को खदेड़ने के वन कर्मियों के प्रयास भी प्रभावित हुए हैं। नेपाल से आया 20 हाथियों का झुंड समूचे तराई क्षेत्र के लिए काफी दिनों से मुसीबत बना है। भटककर आए हाथी पीलीभीत व दुधवा टाइगर रिजर्व के रास्ते मैलानी से महेशपुर के जंगल में प्रवेश कर गए। वन दारोगा जगदीश वर्मा ने ग्रामीणों को खेतों पर न जाने व मचानों पर न रुकने का अलर्ट जारी किया है।

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