भीषण बाढ़ में 14 से ज्यादा मौतें, प्रशासन गिन रहा तीन

धौरहरा में चार और नकहा के लापता बचे का नहीं लगा सुराग

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:21 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:21 PM (IST)
भीषण बाढ़ में 14 से ज्यादा मौतें, प्रशासन गिन रहा तीन
भीषण बाढ़ में 14 से ज्यादा मौतें, प्रशासन गिन रहा तीन

लखीमपुर: अचानक आई बाढ़ में जिले भर में करीब 14 ग्रामीणों की मौत हुई है। अकेले धौरहरा तहसील क्षेत्र में छह, नकहा में तीन मौतें हुई है, लेकिन प्रशासन की गिनती तीन से आगे नहीं बढ़ पा रही है। प्रशासन का आंकड़ा सिर्फ तीन पर ही अटका हुआ है।

ढखेरवा: भीषण बाढ़ की चपेट में आकर छह लोगों की डूबने से मौत हो हुई है। इसके अलावा चार ग्रामीणों के शव बरामद नहीं हो पाए हैं। यहां बीस अक्टूबर को गांव तालियाघाट देव मनिया में घटी, जहां घाघरा नदी पार करते समय नाव डूबने से 17 लोग बह गए थे। जिसमें नौ लोगों को उसी दिन विभिन्न जगहों पर सुरक्षित निकला लिया गया था, जबकि रमेश (60), बतिया (55) पत्नी कन्हैया लाल, जमुनी (25) पत्नी मनोज, तीन वर्षीय कुलदीप पुत्र मनोज, प्रेमा देवी (18) पुत्री कन्हैया लाल, निकेश (4) पुत्र बाल गोविद, रूपा देवी (40) पत्नी लाल बचन, अंजली (5) पुत्री लाल बचन आदि आठ लोग घाघरा में डूब कर लापता हो गए थे। जिसमें से प्रेमा देवी और बतिया के शव पांच दिन बाद बरामद हुए। जबकि छह ग्रामीण अभी भी घाघरा में लापता हैं।

शारदा नदी के बाढ़ के पानी में 23 अक्टूबर को ग्राम सभा दुलही के मजरा बदनपुरवा निवासी उमेश गौतम (30) पुत्र बहादुर की डूबने से मौत हो गई। जिसका शव दूसरे दिन बरामद हो पाया। उधर, 24 अक्टूबर को गांव जनार्दन पुरवा निवासी माधव (40) पुत्र कल्लू की घाघरा नदी में डूबने से मौत हो गई उसका शव भी बरामद कर लिया गया।

ईसानगर: 20 अक्टूबर को घाघरा नदी में आई बाढ़ में मिर्जापुर नाव हादसे में 16 लोगों में सुंदर (60) निवासी ग्राम मिर्जापुर की डूबने से मौत हो गई थी। बाकी 15 लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया गया था।

नकहा: बाढ़ से नौव्वापुर गांव की ही पांच वर्षीय बच्ची अनामिका, 60 वर्षीय शिवप्यारी, 40 वर्षीय पुष्पा की मौत हो चुकी है और तीनों का शव भी मिल गया है। रिकू का सात वर्षीय पुत्र जितेंद्र अभी लापता है।

फूलबेहड़: क्षेत्र में मुन्नालाल (50) निवासी रंडहुआ गांव में ही आटा पिसाने के लिए चक्की पर आ रहा था। पानी के तेज बहाव के कारण बह गया। जिससे डूबने से मौत हो गई।

पलिया कलां: बाढ़ से पहली मौत 21 अक्टूबर को राजापुरवा निवासी सीताराम की हुई थी। 22 अक्टूबर को बबोरा निवासी रामकिशोर की पानी में डूबने से मौत हो गई थी। बिजौरिया के हरदेव सिंह की भी 22 अक्टूबर को पानी मे डूबकर मौत हो गई थी, लेकिन परिवार के लोगों ने न तो उसकी कोई रिपोर्ट दर्ज कराई और न ही पोस्टमार्टम कराया। जबकि मझरा पश्चिम निवासी नागेश्वर गुप्ता बाढ़ में लापता हो गए हैं। उनकी अभी तक शव नहीं मिला है।

चार लाख रुपये का मिलेगा मुआवजा:

एडीएम संजय कुमार सिंह का कहना है कि आपदा के कई प्रकार हैं। बाढ़ में तीन लोगों की मौत हुई है। नाव पलटने या अन्य हादसों में भी मौतें हुई हैं। बाढ़ से मौत पर चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा जो अन्य लोगों की मौत हुई है, उन्हें मुआवजा देना है।

chat bot
आपका साथी