घबराइए नहीं, कम हो रहा कोरोना का संक्रमण
जिले में कोविड के संक्रमण का ग्राफ तेजी से घट रहा है।
लखीमपुर : जिले में कोविड के संक्रमण का ग्राफ तेजी से घट रहा है। रिकवरी रेट बाद रहा है तो वहीं एक्टिव केस भी कम हुए हैं। पिछले एक सप्ताह के आंकड़े सुकून देने वाले हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या 300 से कम रही है। संक्रमण के लिहाज से यह लोगों को राहत देने वाला है। जिले में अब तक 22 हजार से अधिक संक्रमित मिल चुके हैं, जिनमें 20 हजार से अधिक मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं। जहां पांच हजार तक एक्टिव मरीज हो गए थे अब करीब दो हजार व्यक्ति ही सक्रिय हैं। 16 मई तक के मरीजों के आंकड़े एक मई 467, दो मई 592, तीन मई 456, चार मई 543, पांच मई 274, छह मई 449, सात मई 319, आठ मई 616, नौ मई 338, 10 मई 248, 11 मई 294, 12 मई 296, 13 मई 240, 14 मई 229, 15 मई 133 और 16 मई को 170 मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई है।
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संक्रमण घटने से जिला अस्पताल पर कम हुआ लोड कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में सक्रिय केसों की संख्या बढ़ने के साथ जिला अस्पताल पर क्षमता से अधिक ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ था। जो अब थमने लगा है। संक्रमण तीव्र होने पर जिला अस्पताल में प्रतिदिन 50 से 55 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट व श्वास के मरीज इलाज के लिए आते थे, जो अब घटकर महज 10 से 12 रह गए। सीएमएस डॉ. आरसी अग्रवाल बताते हैं कि उस दौरान स्थिति यह थी कि जिला चिकित्सालय के सभी वार्ड इन रोगियों से खचाखच भरे हुए थे। वर्तमान परि²श्य में संक्रमण में जबरदस्त कमी आई है। असर यह है कि जिला चिकित्सालय में फीमेल वार्ड में 10-12 व मेल वार्ड में 20-21 मरीज भर्ती हैं। आई वार्ड, आयुष्मान वार्ड सहित सभी वार्ड पूरी तरह से खाली हैं। ऑक्सीजन की उपलब्धता से सुधरे हालात
डीएम शैलेंद्र सिंह का कहना राज्य सरकार ने जिले की आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में लिक्विड ऑक्सीजन उपलब्ध कराई।
दो चरणों में कुल 18.5 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा चुकी है। जिससे जिले में ऑक्सीजन पर्याप्त हो गई है, बल्कि अगले 20 दिनों के लिए भी ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। ऑपरेशन कोविड विजय 2021 मरीजों के लिए बना वरदान डीएम ने अभिनव पहल करते हुए जिले में ऑपरेशन कोविड विजय का आगाज किया। जिसके तहत 24 कलेक्ट्रेट व 26 तहसील कर्मियों नेआरोग्य बंधु व बहन के रूप में 5000 मरीजों की एक साथ निगरानी की। प्रत्येक पांच आरोग्य बंधु व बहन पर एक चिकित्सक की तैनाती की गई। जो क्रिटिकल मरीजों को मेडिकेटेड एवं फैसिलिटेशन कराने में अपनी अहम किरदार निभाया। जो एकीकृत कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के काउंटरपार्ट बनकर न केवल मरीजों का सहारा बना बल्कि उन्हें संक्रमण से मुक्त कराया।