कोरोना वारियर्स को गिलोय भेजेगा भारत-नेपाल समन्वय मंच
देश में फैली महामारी कोविड-19 में तेज बुखार से बचाव करने में वन औषधि गिलोय सक्षम है।
लखीमपुर : देश में फैली महामारी कोविड-19 में तेज बुखार से बचाव करने में वन औषधि गिलोय सक्षम है। महामारी में इसकी उपयोगिता को देखते हुए भारत-नेपाल समन्वय मंच ने कोरोना वारियर्स को गिलोय भेजने का निर्णय लिया है। इसके लिए चंदनचौकी में जंगल व आसपास के क्षेत्रों से गिलोय एकत्र किया जा रहा है।
पहले चरण में एकल विद्यालय से जुड़े पदाधिकारियों ने भारत नेपाल समन्वय मंच व वनवासी समाज के सहयोग से गिलोय एकत्रकर उसे साफ सुथरा व छोटे टुकड़ों में काट करके उसकी पैकिग शुरू की है। मंच के समन्वयक ओमप्रकाश ने बताया कि दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों व उसके आसपास के क्षेत्रों में दुर्लभ औषधि गिलोय पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है। यह कोरोना में तेज बुखार को नियंत्रित करता है। इसका काढ़ा पीने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी नियंत्रित रहती है। इसीलिए मंच ने समूचे उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के सभी संगठनों को गिलोय औषधि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। जिससे ग्रामीण इलाकों में इसका उपयोग करके गांव वालों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि संगठन के लोग गांव के हित में लगे हैं। गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए हर समय तत्पर भी रहते हैं। इसीलिए उन्होंने क्षेत्र के जंगलों आदि से गिलोय एकत्र कर बाहर भेजने का निर्णय लिया है। इसको पीकर ग्रामवासी कोरोना से निजात पा सकेंगे। संगठन के कार्यकर्ता गिलोय एकत्र करने में जुट गए हैं। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में कार्यरत मंच के कार्यकर्ताओं को गिलोय भेजा जाएगा ताकि वे उसका उपयोग गांव वालों का कोरोना से जीवन बचाने में कर सकें।
मंच के डॉक्टर अशोक चौहान, श्याम कजारिया, रामकुमार राणा, रामजीदास, अनीता राणा, पूनम राणा, मुस्कान, अमरीका, सरयू, हरिश्चंद्र, राजू व अंजलि तथा अंकिता राणा इस काम में भरपूर सहयोग दे रही हैं।