जान जोखिम में डालकर पहुंचा रहे मरीजों को अस्पताल

महामारी कोरोना के दौरान ईएमटी टीकाराम पाल 12-12 घंटे काम कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 10:32 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 10:32 PM (IST)
जान जोखिम में डालकर पहुंचा रहे मरीजों को अस्पताल
जान जोखिम में डालकर पहुंचा रहे मरीजों को अस्पताल

लखीमपुर: महामारी कोरोना के दौरान ईएमटी टीकाराम पाल 12-12 घंटे काम कर रहे हैं। कोरोना के मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के दौरान उन्हें घर जाने का समय ही नहीं मिलता। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कोरोना के मरीजों को वे जगसड़ अस्पताल पहुंचाते हैं। अब तक सबसे अधिक मरीज पहुंचा चुके टीका रामपाल को महीने में एक बार ही एक दिन के लिए घर जाने का मौका मिलता है।

ऐसे समय में जब लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं, जिले में एंबुलेंस कर्मी चौबीस घंटे की ड्यूटी निभा रहे हैं, हालांकि दिन-रात की ड्यूटी के दौरान यह लोग कोविड-19 की चपेट में भी आए हैं, लेकिन उनके जज्बे में कोई कमी नहीं आई। ये एंबुलेंस कर्मी अपनी परवाह न करते हुए दिन-रात मरीजों की सेवा कर रहे हैं। मरीजों को घर से स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाना हो या फिर अस्पताल से वापस घर पहुंचाना हो। यह कोरोना योद्धा बिना किसी भय के अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से पूरा कर रहे हैं। ईमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी)टीकाराम पाल बताते हैं कि उन्हें इस समय 12-12 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ रही है, कई-कई घंटे तक पीपीई किट पहननी पड़ती है। इस गर्मी में यह बहुत ही कष्टदायक है लेकिन, जरा सी चूक हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकती है। जिला मुख्यालय से घर दूर होने के कारण 15 से 20 दिन में घर जाना हो पाता है। यह भी शंका बनी रहती है कि परिवार में कोई संक्रमित न हो, लेकिन इस कठिन दौर में अपने काम से मुंह भी नहीं मोड़ सकते। हमारा यही लक्ष्य होता है कि मरीज स्वस्थ होकर घर वापस पहुंचे। टीका रामपाल अब तक लगभग 500 से अधिक मरीज कोविड अस्पताल पहुंचा चुके हैं।

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