महेशपुर रेंज में मुस्तैदी से टालेंगे मानव-बाघ संघर्ष

को केंद्र में रखेंगे। जहां से मैलानी व भीरा क्षेत्र का इलाका भी अधिकारियों की निगरानी में रहेगा। अधिकारी मान रहे हैं कि महेशपुर में संघर्ष की घटनाओं पर विराम लग गया तो फिर वे स्थितियों को काफी कंट्रोल कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 10:43 PM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 10:43 PM (IST)
महेशपुर रेंज में मुस्तैदी से टालेंगे मानव-बाघ संघर्ष
महेशपुर रेंज में मुस्तैदी से टालेंगे मानव-बाघ संघर्ष

लखीमपुर: सर्दी में गन्ने की कटाई के दौरान मानव-बाघ संघर्ष को रोकना इस बार वन विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है। वन विभाग सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण खीरी वन प्रभाग के महेशपुर रेंज को केंद्र में रखेंगे। जहां से मैलानी व भीरा क्षेत्र का इलाका भी अधिकारियों की निगरानी में रहेगा। अधिकारी मान रहे हैं कि महेशपुर में संघर्ष की घटनाओं पर विराम लग गया तो फिर स्थिति काफी नियंत्रित हो जाएगी।

इन दिनों वन विभाग का सबसे ज्यादा महेशपुर रेंज पर है, क्योंकि यहां 10 से 12 बाघों की मूवमेंट पाई गई है। बाघों को ट्रेस करने के लिए यहां 35 से 40 कैमरे लगाए जा रहे हैं। बाघ सुरक्षा माह में सबसे अधिक ध्यान महेशपुर में दिया जा रहा है। एक तरफ अधिकारी गोष्ठियों के जरिए लोगों को जागरूक कर मानव-बाघ सहजीवन के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर संघर्ष वाले हालात से निपटने की तैयारी भी तेज कर दी गई है। महेशपुर के लिए एनटीसीए से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए जालीदार ट्रैक्टर मिला है। अब लखनऊ चिड़ियाघर की ओर से पिजड़ा, जीपीएस सिस्टम सहित कई तकनीक मिलने जा रही है। उम्मीद जताई जा रही इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

प्रशिक्षित वनकर्मी ही रहेंगे मोर्चे पर

महेशपुर रेंज के दो वन दरोगा व तीन वन रक्षकों को दो महीने पहले लखनऊ चिड़ियाघर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित किया गया था। संघर्ष के समय यही वनकर्मी जालीदार ट्रैक्टर के साथ मोर्चे पर लगाए जाएंगे। इनके लिए निर्देश जारी कर दिया गया है।

बफरजोन में शामिल करने की कवायद

बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शासन स्तर से महेशपुर व गोला रेंज को बफरजोन एरिया में शामिल करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए अधिकारी बफरजोन के मानकों को पूरा करने के लिए सर्वे में जुट गए हैं। महेशपुर रेंज को प्राथमिकता में रखा गया है। इससे अधिक प्रभावित दूसरा कोई रेंज नहीं है। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से महेशपुर को केंद्र में रखा गया है। जहां से समीपवर्ती रेंज क्षेत्र की भी निगरानी की जाएगी।

समीर कुमार, डीएफओ

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