एक ग्रुप में आए हाथी, मड़हा बाबा आश्रम किया ध्वस्त

लखीमपुर रात में जंगल में भ्रमण के दौरान नौ दिन पहले अलग हुए नेपाली हाथियों के दो दल आपस में मिल गए। काफी देर तक हाथी तेज आवाज में चिघाड़ते रहे और उसके बाद उत्पात मचाने लगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 10:39 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 10:39 PM (IST)
एक ग्रुप में आए हाथी, मड़हा बाबा आश्रम किया ध्वस्त
एक ग्रुप में आए हाथी, मड़हा बाबा आश्रम किया ध्वस्त

लखीमपुर: रात में जंगल में भ्रमण के दौरान नौ दिन पहले अलग हुए नेपाली हाथियों के दो दल आपस में मिल गए। काफी देर तक हाथी तेज आवाज में चिघाड़ते रहे और उसके बाद उत्पात मचाने लगे। हाथियों के एक हुए दल ने मड़हा बाबा देवस्थान पर धावा बोल दिया और आश्रम के छप्परों को गिरा दिया। एक छप्पर के नीचे धूनी जल रही थी, छप्परों के गिरने से उनमें आग लग गई। जिससे आश्रम के कई छप्पर और उसमें रखा सामान जल कर राख हो गया। आग लगते ही हाथियों का झुंड वहां से हट गया और जंगल की ओर चला गया। रेंजर केपी सिंह ने बताया कि हाथियों की निगरानी के लिए बंगाल से आई विशेषज्ञों की दो टीम लगाई गई है। एक टीम में 12 लोगों को रखा गया है, जो हाथियों की लगातार निगरानी कर रही है। जिससे उनका झुंड आबादी की ओर न आ पाए। हाथियों का झुंड कंपार्टमेंट संख्या पांच में देखा है। बफरजोन के डीडी डॉ. अनिल कुमार पटेल के मुताबिक 25 हाथियों का दल अभी जंगल में ही है। प्रयास किया जा रहा है कि उन्हें भीरा-पलिया स्टेट हाइवे पार करा दिया जाए। इससे नेपाली हाथी आबादी से दूर हो जाएंगे। डीडी ने उम्मीद जताई कि जल्द ही हाथियों का झुंड पीलीभीत होते हुए जिस रास्ते से आया था, उसी से लौट जाएगा।

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