नौनिहालों के हुनर पर लगा अतिक्रमण का ग्रहण

खेल न पाने के कारण बचों की प्रतिभाओं का नहीं हो पा रहा विकास

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:32 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:32 PM (IST)
नौनिहालों के हुनर पर लगा अतिक्रमण का ग्रहण
नौनिहालों के हुनर पर लगा अतिक्रमण का ग्रहण

पवन जायसवाल, बिजुआ (लखीमपुर) : खेल जीवन का अमूल्य हिस्सा है और खेल से ही नौनिहालों का सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है। खेल के माध्यम से ही बच्चों में जीत का जुनून जन्म लेता है जो उसको जीवन में आगे बढने की प्रेरणा देता है। गांवों में तो खेल बच्चों के लिए नितांत आवश्यक है। क्योंकि यहां उनको उचित वातावरण और अच्छा आधारभूत प्लेटफार्म मिला करता है। प्रतिभाएं गांवों से ही उभरती हैं गांवों की मिट्टी से ही निकलकर ये प्रतिभाएं देश का सम्मान बना करती हैं। जिसको लेकर सरकार प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये भी खर्च करती है लेकिन, अधिकारियों व जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते गांवों की प्रतिभाएं अब दम तोड़ती नजर आ रही हैं। जिसका मुख्य कारण है संकुचित होते खेल मैदान व उन खेल मैदानों पर विभागीय उदासीनता के कारण हो रहा अवैध कब्जा। खेल मैदानों का अतिक्रमण कर लेने से गांवों के बच्चे अपना हुनर दिखा नहीं दिखा पा रहे हैं। उन्हें न तो अवसर मिल पा रहा है और न ही वो माहौल मिला पाता है जिसके सहारे बच्चे अपने अंदर छुपी प्रतिभा को विकसित कर सकें। ऐसे ही अतिक्रमण की भेंट चढ़ा बिजुआ ब्लाक की ग्राम पंचायत शाहपुर के मजरा भवानीपुर में बना खेल मैदान है। इसका निर्माण 2008-09 में कराया गया था। इसपर शायद ही बच्चों ने कभी कोई खेल खेला हो। कारण कि खेल मैदान के निर्माण के तुरंत बाद से ही उस पर अतिक्रमण का ग्रहण लग गया। ग्रामीण इलाके की महिलाएं खाली पड़े मैदान में उपले पाथने लगी तो कहीं किसानों ने अपनी खेती के यंत्र खड़े कर दिए। मैदान पर अतिक्रमण के कारण बच्चों का खेलना असंभव सा हो गया ऐसे में नौनिहालों की हुनर पर अतिक्रमण का ग्रहण लग गया। एक दशक बीत जाने के बाद भी ब्लॉक के जिम्मेदारों ने इसे अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास नहीं किया है।

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