तीन और शिक्षिकाओं की बीएड की डिग्री संदेह के दायरे में

निदेशालय की सूची में शामिल हैं तीनों नाम। शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की तलवार लटकी। निदेशालय की सूची मिलने के बाद से छह शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिल चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 10:46 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 10:46 PM (IST)
तीन और शिक्षिकाओं की बीएड की डिग्री संदेह के दायरे में
तीन और शिक्षिकाओं की बीएड की डिग्री संदेह के दायरे में

लखीमपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों के मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य परियोजना निदेशालय की सूची में लखीमपुर ब्लाक की तीन और शिक्षिकाओं की डिग्री संदेह के दायरे में आ गई है। बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने इन शिक्षिकाओं की डिग्री की जांच शुरू करा दी है। निदेशालय की सूची मिलने के बाद से छह शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिल चुकी है। जिन पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

निदेशालय से आगरा विश्वविद्यालय, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के 2005 की डिग्री पहले से ही अवैध घोषित की जा चुकी है। शुक्रवार को बीएसए कार्यालय में शिक्षकों के अभिलेखों की जांच चल रही थी, इसी दौरान लखीमपुर ब्लाक के भगवतीपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात पुष्पा देवी, उदयपुर महेवा में तैनात मौसमी गुप्ता की बीएड की डिग्री आगरा विश्वविद्यालय की पाई गई। इसके साथ ही एक अन्य महिला शिक्षक की डिग्री संपूर्णानंद विश्वविद्यालय की होने की वजह से संदिग्ध पाई गई। बताया जा रहा है कि तीनों शिक्षिकाओं की नियुक्ति वर्ष 2011 में हुई थी।

गोंडा में अनामिका प्रकरण सामने आने के बाद वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षक शिक्षिकाओं के अभिलेखों की जांच शुरू कराई गई। खीरी जिले में अब तक छह शिक्षकों की डिग्री जांच के दायरे में आ चुकी है। तीन अन्य मामले सामने आने के बाद इनके बीएड की डिग्री की भी जांच शुरू हो गई है। बीएसए ने बताया कि संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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