एंबुलेंस की हड़ताल से पूरा दिन हलकान रहे मरीज

जगतराम नकहा से अपने 20 साल के लड़के सुरेश को

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 10:53 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 10:53 PM (IST)
एंबुलेंस की हड़ताल से पूरा दिन हलकान रहे मरीज
एंबुलेंस की हड़ताल से पूरा दिन हलकान रहे मरीज

लखीमपुर : जगतराम नकहा से अपने 20 साल के लड़के सुरेश को ट्राली से बैठाकर किसी तरह अस्पताल पहुंचे, गंभीर रूप से बीमार सुरेश को भर्ती कराने के लिए उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली थी। मितौली के 52 वर्षीय रहमान को निजी टैक्सी करके अस्पताल आना पड़ा। उनके सीने में तेज दर्द के कारण बोल नहीं पा रहे थे। हसनपुर कटौली निवासी बिहारी लाल काफी बीमार थे, उनके लड़के योगेश उन्हें निजी टैक्सी से लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे, एंबुलेंस न मिलने से उन्हें भी काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा।

बिजुआ की रामबेटी और कस्ता रामसहेली भी जैसे-तैसे अपने मरीजों को लेकर जिला अस्पताल और महिला अस्पताल तक पहुंचीं। यहां आकर मालूम चला कि सोमवार को एंबुलेंस वालों की हड़ताल के कारण उनको एंबुलेंस नहीं मिलेगी। यह कुछ बानगी हैं जो सोमवार को एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के दौरान दिखाई पड़ी। इसके अलावा जिले की करीब सभी 14 सीएचसी तथा 59 पीएचसी से मरीजों को लाने ले जाने में पूरे दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 95 एंबुलेंस खड़ी रहीं, दस से लाए गए मरीज

सोमवार को एंबुलेंस कर्मियों ने कंपनी बदले जाने पर कम किए गए मानदेय के विरोध में एंबुलेंस का चक्का जाम कर दिया। इस दौरान 95 एंबुलेंस धरना स्थल पर खड़ी रहीं, जबकि सिर्फ 10 एंबुलेंस से ही पूरे जिले में काम चलाया गया। इक्का-दुक्का एंबुलेंस आती-जाती दिखाई दीं। शहर में भी लोग रिक्शा या ई-रिक्शा से कोई कोई मरीज तो टेंपो से अस्पताल पहुंचाए गए। सोमवार से 108 व 102 सेवा के एंबुलेंस कर्मियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल कर दी। इसमें एंबुलेंस के ड्राइवर और टेक्नीशियन दोनों शामिल हैं। करीब ढाई सौ ठेके के कर्मचारियों ने पांच सूत्री मांग पत्र के आधार पर हड़ताल शुरू कर दी है।

एंबुलेंस कर्मचारी संघ की ये हैं मांगें

जीवनदायिनी स्वास्थ विभाग 108 व 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पवन शुक्ला ने बताया कि जीवीके कंपनी में एंबुलेंस चालक तकनीशियन सभी ठेके के कर्मचारी हैं। अब इस कंपनी ने ठेका जेएएचएल कंपनी को दे दिया है, जो कि नए सिरे से न केवल भर्ती कर रही है, बल्कि नये मानदेय के आधार पर पहली कंपनी से कम मानदेय ही दे रही है। इतना ही नहीं एंबुलेंस कर्मियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान भी लगा रही है।

मांग पत्र में कहा गया है कि महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभा रहे कोरोना योद्धाओं में शामिल एंबुलेंस कर्मियों को ठेकेदारी से मुक्त किया जाए और उन्हें नियमित किया जाए। जब तक एंबुलेंस कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधीन नहीं किया जाता है तब तक कम से कम चार घंटे की ओटीबी दी जाए और 23 हजार लगभग प्रतिवर्ष महंगाई भत्ता भी दिया जाए। इन्हीं मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय के आह्वान पर विलोबी मैदान में एंबुलेंस खड़ी करके धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस दौरान धरने में उपाध्यक्ष अतुल कुमार सिंह, संगठन मंत्री अशरफ अली, सलाहकार अरविद वर्मा व महामंत्री पंकज गुप्ता समेत सैकड़ों की संख्या में एंबुलेंस कर्मी शामिल हैं।

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