कुशीनगर में थमा एंबुलेंस का पहिया, परेशान हुए मरीज
कुशीनगर में एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के चलते निजी वाहनों से मरीजों को नजदीकी अस्पताल ले गए तीमारदार सुबह नौ बजे ही हड़ताल पर चले गए चालक।
कुशीनगर: एंबुलेंस चालकों के सोमवार से अचानक हड़ताल पर चले जाने से मरीजों की दुश्वारियां बढ़ गई है। कई गंभीर मरीजों को तो स्वजन निजी वाहनों से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहां से रेफर मरीजों को जिला अस्पताल व गोरखपुर मेडिकल कालेज लेकर जाने में उन्हें काफी परेशानी हुई।
एबुंलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले अध्यक्ष रणबीर यादव की अगुवायी में विभिन्न सीएचसी व पीएचसी पर तैनात 108, 102 एबुंलेंस के साथ चालक कलेक्ट्रेट कार्यालय के समक्ष बुद्धा पार्क पहुंचे और अपने-अपने वाहन खड़ी कर मांगों को लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि निजी कंपनी द्वारा कर्मचारियों का मनमाने तरीके से छंटनी किया जा रहा है, जिसे कत्तई बर्दाश्त नहीं करेंगे। यही नहीं हमारी मांग है कि सभी चालकों व सहायकों को सरकार स्थायी करते हुए बकाया मानदेय अविलंब दिलाया जाए, अन्यथा की स्थिति में चालक व्यापक स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उपाध्यक्ष रविद्र तिवारी, सुरेंद्र यादव कृष्णपाल, दिलीप, विपुल आदि चालक उपस्थित रहे। बाद में छह सूत्रीय मांग पत्र एडीएम विन्ध्यवासिनी राय को सौंप उत्पीड़न रोकने की बात कही गई। अध्यक्ष ने कहा कि उच्च स्तरीय वार्ता की जा रही है। निर्णय होने के बाद एंबुलेंसों का संचालन होगा। इधर सुबह नौ बजे से हड़ताल पर चले जाने के कारण काल के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची, जिससे मरीजों व उनके तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुल 75 एंबुलेंस जिला संयुक्त चिकित्सालय समेत 19 अस्पतालों पर सेवा देते हैं, जिसमें 102 के 37 व 108 के 34 तथा जीवनरक्षक सुविधाओं से लैस चार एंबुलेंस शामिल हैं, जो गांवों से लेकर संबंधित अस्पतालों पर मरीजों को पहुंचाने में लगे रहते हैं। देर शाम तक एंबुलेंस चालक हड़ताल पर रहे।
अस्पतालों मे रही अफरा-तफरी
एंबुलेंस उपलब्ध न होने की वजह से जिला अस्पताल, सीएचसी कसया, तमकुहीराज, हाटा, सेवरही, मथौली, सुकरौली, खड्डा, रामकोला, कप्तानगंज आदि जगहों पर इमरजेंसी अथवा एक्सीडेंटल मरीजों को लेकर अफरा-तफरी रही। इस दौरान अस्पताल कर्मी मरीजों के स्वजन को समझाते दिखे।