कसया रेंज में ढाई लाख पौधों का होगा रोपण
कुशीनगर जनपद में इस बार 35 लाख पौधारोपण का है लक्ष्य जनपद की सभी नर्सरियों में तैयार किए गए हैं 40 लाख पौधे।
कुशीनगर: वृहद पौधारोपण के तहत वन विभाग द्वारा सत्र 2021-22 में कसया रेंज में लगभग ढाई लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। जनपद में लगभग 35 लाख पौधारोपण का लक्ष्य है। यह कार्यक्रम एक से सात जुलाई तक चलाया जाएगा।
कसया रेंज की नर्सरियों में आठ लाख और जनपद की संपूर्ण नर्सरियों में 40 लाख फलदार, शोभाकार, इमारती, चारा प्रजाति के पौधे तैयार हो गए हैं। वन विभाग जनपद में लगभग 12 लाख पौधारोपण करेगा। शेष अन्य विभागों द्वारा किया जाएगा। वन विभाग अन्य विभागों को पौधा निश्शुल्क उपलब्ध कराएगा। पौधारोपण सरकारी और गैरसरकारी भूमि पर कराया जाएगा। कसया वन क्षेत्राधिकारी अखिलेश कुमार दूबे ने बताया कि कसया रेंज में ढाई लाख और जनपद में 35 लाख पौधों का रोपण अन्य विभागों के सहयोग से एक से सात जुलाई के मध्य करने का लक्ष्य है। विभाग निश्शुल्क पौधा उपलब्ध कराएगा। नर्सरियों में फलदार, शोभाकार, ईंधन, इमारती व चारा प्रजाति के 40 लाख पौधे तैयार हैं।
गो-शाला में 145 पौधों का रोपण
गो-सेवा आयोग के निर्देश पर उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. एचएन सिंह की मौजूदगी में पिजरापोल गो-शाला पडरौना में मंगलवार को वृहद पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 145 फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया गया। गो-शाला के मंत्री प्रदीप चहड़िया, संजय मारोदिया, जगदंबा अग्रवाल, अजय सराफ, राजेश अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल समेत अन्य पदाधिकारियों ने पौधों का रोपण किया।
बारिश से राहत, नहरों में पानी की जरूर
बारिश से किसानों को राहत तो मिली है, लेकिन नहरों में पानी न छोड़े जाने से किसानों को पूरी तरह राहत मिलती नहीं दिख रही है। विकास खंड के कप्तानगंज व पटखौली नहर में पानी न आने से किसान परेशान हैं। छोटे व मझोले किसान जो नहर पर ही आश्रित हैं, उनके समक्ष धन की रोपई को लेकर संकट खड़ा हो गया है।
किसान पंपिग सेट के सहारे धान का बेहन तो तैयार कर लिए, लेकिन अभी रोपाई नहीं करा पाए हैं। क्षेत्र के मेहड़ा, पिपरा, पचार, बौलिया, कारीतीन, इंदरपुर, हसनगंज, कारीतीन, धौरा, देउरवा, सुधियानी, बोदरवार, मठिया आदि गांवों के किसानों के लिए कप्तानगंज और पटखौली नहर जीवन रेखा की तरह है। किसान रामभवन प्रजापति, दिनेश तिवारी, रिकू तिवारी, हैदर कादरी, सच्चिदानंद तिवारी, मनोज यादव, रविप्रताप मिश्र आदि ने कहा कि हेड से टेल तक पानी पहुंचाने का विभाग का दावा हवा-हवाई साबित होता है। किसान महंगा डीजल खरीदकर पानी की जरूरत पूरी कर रहे हैं।