संक्रमण के खतरे के बीच मरीजों का इलाज
कुशीनगर में मौसम बदलने से जिला संयुक्त चिकित्सालय में सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ गए हैं ओपीडी में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं बैठने के लिए बना बेंच भी टूटा जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी।
कुशीनगर : बदलते मौसम का असर आमजन पर दिख रहा है। इन सब के बावजूद जिला संयुक्त चिकित्सालय में इलाज का इंतजाम नाकाफी साबित हो रहा है। सुबह व रात में ठंड की वजह से इन दिनों सरकारी और निजी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार और वायरल से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
मौसमी बीमारियों की चपेट में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आ रहे हैं। अधिकांश लोग सर्दी, खासी, जुकाम, पेट दर्द और वायरल से पीड़ित हैं। 100 बेड के इस अस्पताल के भर्ती मरीजों को सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। बैठने की व्यवस्था न होने के कारण वार्ड में जगह-जगह फैली गंदगी के बीच मरीज व तीमारदारों का रहना मजबूरी है। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। ओपीडी में प्रतिदिन 600 से 700 मरीज इलाज कराने आ रहे हैं,जिसमें 200 से 250 के बीच वायरल फीवर के रोगियों की संख्या रह रही है, लेकिन अस्पताल में दुर्व्यवस्था के कारण मरीज भटक रहे हैं। मंगलवार को ओपीडी में डा.रमाशंकर, डा.अमरेंद्र सिंह, डा.आजम मोहम्मद मुस्तफा अपने-अपने चैंबर में मरीजों का इलाज करते मिले। छितौनी की व्हील चेयर पर आई बुजुर्ग महिला कलावती को हड्डी के चिकित्सक डा.एमएच खान ने चैंबर से बाहर निकल परीक्षण कर एक्सरे के लिए भेजा। इसके अलावा बाकी सभी कक्ष खुले तो दिखे, लेकिन डाक्टर नदारद रहे। सफाईकर्मियों की लापरवाही से परिसर में बराबर गंदगी बनी दिखी। मुख्य प्रवेश द्वार पर बेतरतीब खड़े वाहन खड़े दिखे, जहां टेंपो चालक सवारी बैठा रहे थे। परिसर में अंदर घुसते ही फर्श व मरीजों के बैठने के लिए बने बेंच पर गंदगी देखने को मिली।
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मौसम के बदलने के साथ जलजनित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिसमें सर्वाधिक वायरल फीवर के रोगी आ रहे हैं। सभी चिकित्सकों को ओपीडी में समय से बैठने के निर्देश दिए गए हैं। वार्ड व परिसर में सफाई के लिए कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। अगर कहीं गंदगी मिली तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
डा.एसके वर्मा, सीएमएस, जिला संयुक्त चिकित्सालय,कुशीनगर