कुशीनगर में समीक्षा में खरा उतरा तीन साल का 'आयुष्मान'

कुशीनगर में 11.5 लाख के सापेक्ष 268668 लोगों का बना गोल्डन कार्ड 12138 लोगों ने कराया इस योजना से अपना उपचार।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 01:26 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 01:26 AM (IST)
कुशीनगर में समीक्षा में खरा उतरा तीन साल का 'आयुष्मान'
कुशीनगर में समीक्षा में खरा उतरा तीन साल का 'आयुष्मान'

कुशीनगर : आयुष्मान कार्ड के तीन साल पूरे होने पर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई। इसमें आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के आवश्यक बिदुओं की समीक्षा की गई। इसमें यह पूरी तरह से खरा उतरा। जरूरतमंदों को राहत देता मिला। इस अवसर पर कुछ लाभार्थियों में कार्ड वितरित भी किए गए।

विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि 16 से 30 सितंबर तक आयुष्मान पखवारा चल रहा है। जिले में 11.5 लाख के सापेक्ष 268668 लोगों का गोल्डन कार्ड बन चुका है। इसमें 12138 लोगों ने उपचार कराया है। इस पर खर्च हुए 17 करोड़ रुपये भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सहभागिता से दिए जा चुके हैं। जिलाधिकारी डीएम एस राजलिगम ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर शुरू से ही समीक्षा हो रही है। इसे और बढ़ाए जाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कोटेदारों के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हेतु प्रेरित करने को कहा। इसमें कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां भी हैं, उनको दूर कर लिया जाएगा। जल्द ही जनपद के आयुष्मान कार्ड के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। इस अवसर पर अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

आयुष्मान कार्ड बनाने में लाएं तेजी: डीएम

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत बनने वाले आयुष्मान कार्ड को लेकर अधिकारी व कर्मचारी दायित्वों का निर्वहन ठीक से करें, ताकि लाभार्थियों को समय से सुविधा उपलब्ध हो सके।

यह निर्देश बुधवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम एस राजलिगम ने दिए। कहा कि जनपद में साढ़े 11 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जाने हैं। लक्ष्य निर्धारित करते हुए सीएमओ को निर्देशित किया कि प्रतिदिन आयुष्मान मित्र 100 कार्ड बनाएं, जो ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, उन सभी को नोटिस जारी करते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई करें। खराब प्रदर्शन वाले ब्लाकों में सुधार करने के निर्देश दिए। डीएसओ को कोटेदार के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा कार्ड बनाए जाने का निर्देश दिया गया। इस दौरान आने वाली समस्याओं की भी समीक्षा की गई, जैसे आधार में नाम का मिलान सही नहीं, कई लोग बाहर चले गए हैं , कुछ लोग पात्र हैं लेकिन सूची में नाम नहीं है। डीएम ने कहा कि प्रत्येक परिवार के कम से कम एक व्यक्ति का कार्ड तो बनना ही चाहिए। एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कम से कम 100 कार्ड बनाए जाने के लक्ष्य रखें। यदि लक्ष्य अनुरूप कार्ड नहीं बनते हैं, तो कारणों की समीक्षा की जाए। सीडीओ अनुज मलिक, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा,खड्डा अरविद कुमार, सीएमओ डा. सुरेश पटारिया आदि ब्लाक व जनपद स्तरीय संबंधित अधिकारी रहे।

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