खेतों को काटते हुए आबादी की ओर बढ़ रही नदी

कुशीनगर में नारायणी का कहर शुरू हो गया है पिपराघाट में खेतों में आठ दिन से हो रही कटान अहिरौलीदान में आबादी में कटान करने लगी नदी ग्रामीणों में दहशत।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 12:25 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 12:25 AM (IST)
खेतों को काटते हुए आबादी की ओर बढ़ रही नदी
खेतों को काटते हुए आबादी की ओर बढ़ रही नदी

कुशीनगर : पिछले एक पखवारे से कृषि योग्य भूमि की कटान कर रही नारायणी नदी अब आबादी वाले हिस्से में भी कटान कर रही है। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र स्थित एपी बांध के किनारे के गांव पिपराघाट के एहतमाली, उपाध्याय टोला, दहारी टोला,तवक्कल टोला, तेजू टोला, मोती राय टोला, बुटन टोला, शिव टोला, देव नारायण टोला, जोगिनी टोला, नरवाजोत टोला में कृषि योग्य भूमि की कटान कर रही नदी कचहरी टोला में आबादी के हिस्से की ओर बढ़ चली है। कटान की जद में कई लोगों के पक्के मकान भी आ सकते है। इससे ग्रामीणों दहशत बढ़ गई है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते बचाव कार्य शुरू नहीं किया गया तो कचहरी टोला का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। इस गांव में वर्ष 2012 में बैरिया टोला तथा 2017 में कंचन टोला व चितू टोला का कटान के चलते मिट चुका है। इन दोनों वर्षों के बीच कचहरी टोला का साठ फीसद हिस्सा भी कटान का शिकार हो चुका है। सूचना पर टीम के साथ पहुंचे बाढ़ खंड के एसडीओ एसके प्रियदर्शी ने बचाव कार्य शुरू करा दिया है।

शुक्रवार को नदी के डिस्चार्ज में चार हजार क्यूसेक की कमी दर्ज की गई और यह 1.61 लाख क्यूसेक पर आ गया, लेकिन नदी क्षेत्र में बारिश होने के चलते जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। पिपराघाट गेज पर जलस्तर 75.40 मीटर रहा जो खतरा के निशान 76.20 मीटर से महज 80 सेंटीमीटर नीचे है। एपी बांध के किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने, नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में स्थिति संवेदनशील है। नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर स्लोप पर बचाव कार्य चल रहा है।

बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह ने संवेदनशील स्थानों पर बचाव कार्य चल रहा है। बांध पूरी तरह सुरक्षित हैं। आबादी को कटान से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।

कटान का निरीक्षण करने पहुंची राजस्व टीम

रामकोला क्षेत्र के खोटही गांव से होकर गुजरने वाली छोटी गंडक नदी के कठबसिया घाट पर चार दिनों से कटान हो रही है। शुक्रवार की शाम कानूनगो और लेखपाल ने मुआयना किया। किसानों ने बताया कि कटान के चलते फसलें बर्बाद हो रही हैं।

बारिश के चलते जलस्तर बढ़ने से छोटी गंडक कठबसिया घाट पर मिट्टी का कटान कर रही है।दो दिन पहले अधिक कटान होता देखकर लोग भयभीत हो गए। ग्राम प्रधान रामदेव प्रसाद, पूर्व प्रधान रामहरख यादव, महमद्दीन, लालजी, दर्शन ,बुद्धिराम आदि ने बताया कि कटान के चलते हल्दी और गन्ने की फसलें पानी में विलीन हो रही हैं। यदि पानी का दबाव औश्र बढ़ा तो खोटही माइनर भी नदी में विलीन हो सकती है। इससे काशीछपरा, रामबर, निर्भया, बरवाडीह आदि टोले प्रभावित हो सकते हैं। कानूनगो कप्तानगंज शिवमुरारी लाल श्रीवास्तव और लेखपाल राहुल दीक्षित, सुरेंद्र प्रजापति ने ग्रामीणों को बताया कि इसकी सूचना सिचाई विभाग को दी जाएगी। बचाव का इंतजाम होगा।

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