प्रकृति की दोहरी मार ने किसानों को किया तबाह

कुशीनगर किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। नकदी फसल गन्ना में रोग लग जाने के कारण सैकड़

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 11:47 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 11:47 PM (IST)
प्रकृति की दोहरी मार ने किसानों को किया तबाह
प्रकृति की दोहरी मार ने किसानों को किया तबाह

कुशीनगर: किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। नकदी फसल गन्ना में रोग लग जाने के कारण सैकड़ों की संख्या में किसान बर्बाद हो रहे हैं। जिन किसानों ने गन्ना बीज 238 बोया था वह सभी गन्ना लगभग सूख गया है।

दूसरी ओर हल्दिया रोग के कारण 50 फीसद तैयार धान की फसल बर्बाद हो गयी। क्षेत्र के गांव अहिरौली राजा, रामबर चरगहां, डुमरी चुरामन छपरा, तुर्कवलिया, नरकटिया, सोहसा पट्टी गौसी, सोहसा मठिया, परेवाटार, भठहीं, गोबरहीं, गुनई छपरा, खोराबर आदि गांवों के किसान गन्ना और धान की फसल रोग ग्रस्त होने से सैकड़ों की संख्या में तबाह हुए हैं।

एक तो अत्यधिक बारिश होने के कारण जलभराव से गन्ने की फसल सूख गई तो दूसरी ओर धान में भी हल्दिया रोग पकड़ लिया। किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए। प्रशासन को तत्काल मुआवजा देना चाहिए।

उदयभान

चीनी मील के चलने में देरी होने से किसान सूख रहे गन्ने की फसल औने-पौने दाम पर क्रशर वालों के हाथ बेच रहे हैं। प्रति कुंतल 50 रुपया पर गन्ना बेच कर किसान कितना खुशहाल होगा सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

बृजनारायण

शासन अथवा प्रशासन किसान हित की बात तो करता है पर जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। इतनी मार झेलने वाले किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल सका, कब मिलेगा कुछ पता नहीं है।

साबिर

बड़े किसान हों या छोटे, सभी का बहुत नुकसान हुआ है। पूंजी डूब जाने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। कई आवश्यक कार्य नहीं हो पा रहे हैं। समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे खर्च चलाया जाए।

रामजीत

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