संगीतमयी कथा सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
जागरण संवाददाता हाटा कुशीनगर नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन पंडित धनंजय
जागरण संवाददाता, हाटा, कुशीनगर: नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन पंडित धनंजय की संगीतमयी कथा सुन श्रद्धालुगण झूम उठे। कथावाचक ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाई, कहा कि मानव कल्याण के लिए नारायण कृष्ण के रूप में अवतरित हुए थे।
कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि भारत मनीषियों का देश है। माता-पिता का स्थान सभी तीर्थों से ऊपर है। उनकी सेवा के बिना तीर्थ का फल नहीं मिलता। मोहन पांडेय, नंदकिशोर नाथानी, डा. बीके सिंह, मनीष रुंगटा, शिवशंकर आदि मौजूद रहे। शिव-पार्वती का आचरण सर्वग्राह्य: स्मिता
समउर बाजार: सती का समर्पण अपने आराध्य के प्रति लगाव व प्रेम के एकात्म भाव को दर्शाता है। शिव और पार्वती का आचरण सर्वग्राह्य है।
यह बातें श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या के अध्यक्ष संत नृत्यगोपाल दास जी महाराज की शिष्या साध्वी स्मिता वत्स ने कही। वे हनुमान मंदिर निर्माण समिति समउर बाजार के तत्वाधान में चल रहे श्रीराम कथा के दूसरे दिन शिव-विवाह प्रसंग की चर्चा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव व पार्वती का मूल स्वरूप श्रद्धा व विश्वास है। प्रेम ब्रह्म स्वरूप होता है और इसी प्रेम में सृष्टि समाहित है।
उमाकांत सिंह, डा. सहबाज, प्रमोद शर्मा, धुरंधर चौहान, राजेश पांडेय, अभय मिश्र, राकेश मद्धेशिया, बबलू मद्देशिया, जितेंद्र मद्देशिया, अदालत गुप्ता समेत अन्य लोग मौजूद रहे।