धम्म रूपी चक्र को घुमाते रहना चाहिए: प्रो. अंगराज

विपश्यना विशोधन विन्यास इगतपुरी (महाराष्ट्र) के प्रो. अंगराज चौधरी ने कहा कि भगवान बुद्ध का धम्म ही चक्र है। इस धम्म रूपी चक्र को सदैव घुमाते रहना चाहिए। उनके बताए मार्ग पर चलने से ही सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। यह श्रीलंका बुद्ध बिहार कुशीनगर में पालि सोसायटी आफ इंडिया के तत्वावधान में आधुनिक समाज में धम्म चक्र प्रवर्तन की प्रासंगिकता विषयक आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 10:36 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 10:36 PM (IST)
धम्म रूपी चक्र को घुमाते रहना चाहिए: प्रो. अंगराज
धम्म रूपी चक्र को घुमाते रहना चाहिए: प्रो. अंगराज

कुशीनगर: विपश्यना विशोधन विन्यास, इगतपुरी (महाराष्ट्र) के प्रो. अंगराज चौधरी ने कहा कि भगवान बुद्ध का धम्म ही चक्र है। इस धम्म रूपी चक्र को सदैव घुमाते रहना चाहिए। उनके बताए मार्ग पर चलने से ही सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

यह श्रीलंका बुद्ध बिहार कुशीनगर में पालि सोसायटी आफ इंडिया के तत्वावधान में 'आधुनिक समाज में धम्म चक्र प्रवर्तन की प्रासंगिकता' विषयक आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को बुद्ध ने शांति, करुणा व मैत्री का संदेश दिया। इसको अंगीकार करना होगा। मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सत्यपाल महाथेरो ने कहा कि जहां सुदर्शन चक्र हिसा का प्रतीक हैं, वहीं धर्म चक्र अहिसा का। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के श्रमण विद्या संकायाध्यक्ष प्रो. रमेश प्रसाद ने देश में पालि भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए लोगों के आगे आने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता बीएचयू के पालि एवं बौद्ध अध्ययन के विभागाध्यक्ष प्रो. बिमलेंद्र कुमार ने कहा कि बुद्ध के आर्य अष्टांगिक मार्ग से लोक कल्याण संभव है। विशिष्ट अतिथि गोल्डन माउंटेन टेंपल, ताईवान के विहाराधिपति डॉ. भिक्षु तेजवारो थेरो ने कहा कि धम्म चक्र प्रवर्तन के माध्यम से ही अविद्या रूपी अंधकार को मिटाकर प्रज्ञा रूपी प्रकाश फैलाया जा सकता है। महाबोधि सोसायटी आफ इंडिया के संयुक्त सचिव भिक्षु डॉ. मेधांकर थेरो ने कहा कि बुद्ध ने बताया है कि तृष्णा को नष्ट करके ही दु:ख से मुक्ति संभव है। इससे पूर्व भिक्षु ज्ञानालोक थेरो, विहाराधिपति बुद्ध विहार, रिसालदार पार्क, लखनऊ तथा भिक्षु डॉ. धर्मप्रिय थेरो पालि लेक्चरर- महाबोधि इंटर कालेज, सारनाथ ने बुद्ध की। स्वागत डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य असिस्टेंट प्रोफेसर, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा ने किया। आभार ज्ञापन डॉ. रमेश चंद्र नेगी, केंद्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय सारनाथ व संचालन डॉ. भिक्षु नंदरतन थेरो ने किया।

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