स्पर के कटे स्लोप की हुई मरम्मत, नदी का दबाव कायम

कुशीनगर में एपी बांध के स्लोप का 38 मीटर हिस्सा नदी में बह गया था डिस्चार्ज स्थिर होने के बावजूद जलस्तर खतरे के निशान से 1.05 मीटर नीचे है नदी के रुख के चलते स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 12:48 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 12:48 AM (IST)
स्पर के कटे स्लोप की हुई मरम्मत, नदी का दबाव कायम
स्पर के कटे स्लोप की हुई मरम्मत, नदी का दबाव कायम

कुशीनगर : नारायणी नदी की धारा में बह गए एपी बांध के 38 मीटर हिस्से की मरम्मत कर के बांध को सुरक्षित कर लिया गया है लेकिन नदी के पानी का दबाव बांध पर कायम है। बाढ़ खंड बांध के सुरक्षित होने का दावा कर रहा है पर स्थानीय लोग नदी के रुख को देख कर इसे नाकाफी बता रहे हैं।

बीते तीन दिनों में नारायणी नदी ने एपी बांध के किमी 12.860 बाघाचौर के नोनिया पट्टी में स्पर के 38 मीटर भाग को काट दिया था। इससे खतरे की आशंका बढ़ गई थी। विभाग ने कटे स्लोप के भाग को पुनस्र्थापित कर दिया है। इससे राहत तो मिली है, लेकिन खतरा पूरी तरह से टला नहीं है।

सोमवार को वाल्मीकि नगर बैराज से पानी का डिस्चार्ज 1.5 लाख क्यूसेक पर स्थिर रहा। जलस्तर में पांच सेमी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। नदी खतरे के निशान से 1.05 मीटर नीचे बह रही है। बांध के किमी 17 अहिरौलीदान के कचहरी टोला, किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने, नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। कचहरी टोला, नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर बचाव कार्य चल रहा है। जल स्तर कम होने पर कटान की आशंका को लेकर विभाग अलर्ट है तो ग्रामीण डरे सहमे हैं। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह का कहना है कि कटे भाग को रिस्टोर (पुनस्र्थापित) कर दिया गया है। बांध के हर संवेदनशील स्थान पर विभाग की पैनी नजर है, बांध पूरी तरह सुरक्षित है।

chat bot
आपका साथी