जेई व एईएस को लेकर सतर्क रहें जिम्मेदार
नोडल अधिकारी डीपीआरओ आरके द्विवेदी को निर्देशित किया कि गांवों में स्वच्छता को लेकर विशेष रूप से सफाई कर्मियों को लगाएं ताकि कहीं भी जलजमाव की स्थिति उत्पन्न न हो सके। जो गांव अथवा ब्लाक पूर्व में जेई/एईएस से प्रभावित रहे हैं वहां विशेष ध्यान दें।
कुशीनगर: बारिश में जेई (जापानी इंसेफ्लाइटिस) व एईएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम) तेजी से बढ़ता है, इसलिए विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
यह बातें मुख्य विकास अधिकारी अन्नपूर्णा गर्ग ने कही। वह विकास भवन सभागार में बैठक को संबोधित कर रहीं थीं। कहा कि आशा कार्यकर्ता कोविड-19 की वजह से इसे छोड़े नहीं बल्कि दोनों को साथ लेकर चलें, ताकि आने वाले समय में कोई दिक्कत न हो। इसके लिए सभी सीएचसी व पीएचसी से मॉनिटरिग की जाए। महीने में क्षेत्र भ्रमण का जो रुटीन बना है, उसे हर हाल में पूरा किया जाए। अगर कहीं कोई दिक्कत आती है तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराएं। कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नोडल अधिकारी डीपीआरओ आरके द्विवेदी को निर्देशित किया कि गांवों में स्वच्छता को लेकर विशेष रूप से सफाई कर्मियों को लगाएं, ताकि कहीं भी जलजमाव की स्थिति उत्पन्न न हो सके। जो गांव अथवा ब्लाक पूर्व में जेई/एईएस से प्रभावित रहे हैं, वहां विशेष ध्यान दें। गांवों में इंडिया मार्क हैंडपंपों के टूटे चबूतरों की मरम्मत एवं निर्माण, पानी की निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिन क्षेत्रों से जेई /एईएस के रोगी आ रहे है, वहां पर जल की निरंतर जांच की जाए। उन्होंने मनरेगा व विकास कार्यों की अद्यतन रिपोर्ट की भी जानकारी ली।