कुशीनगर में सामाजिक संगठनों ने नहीं ली बच्चों की सुधि

कुशीनगर में कोरोना संक्रमण के चलते माता-पिता को खो चुके बचों को आर्थिक मदद के साथ ही मानसिक संबल व स्नेह की भी आवश्यकता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 12:31 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 12:31 AM (IST)
कुशीनगर में सामाजिक संगठनों ने नहीं ली बच्चों की सुधि
कुशीनगर में सामाजिक संगठनों ने नहीं ली बच्चों की सुधि

कुशीनगर : कोरोना संक्रमण काल में अपने माता-पिता को गंवा चुके बच्चों की सामाजिक संगठनों व समाजसेवियों तथा प्रबुद्ध लोगों ने भी सुधि नहीं ली। ऐसे में बच्चे अभी भी रिश्तेदारों पर ही आश्रित हैं। इन बच्चों को मदद के साथ मानसिक संबल व स्नेह की आवश्यकता है। इसलिए सामाजिक संगठनों को चाहिए कि वह इनकी मदद को आगे आएं, ताकि उन्हें अकेलापन महसूस न हो। आइए हम सभी संकल्प लें कि बच्चों के सुख-दुख में शामिल रहेंगे।

मारवाड़ी युवा मंच देगा बच्चों को दुलार

मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष जगदंबा उर्फ संजय टिबड़ेवाल ने कहा कि ऐसे बच्चों घर जाकर स्नेह व दुलार दिया जाएगा। इसके लिए मंच की अगले हफ्ते होने वाली बैठक में प्रस्ताव भी लाया जाएगा। पूरा मंच ऐसे बच्चों के सुख-दुख में खड़ा रहेगा। महिला चेतना शाखा की अध्यक्ष मीनू जिदल ने कहा कि ऐसे बच्चों के बारे में पता कर उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।

सांसद विजय कुमार दूबे ने कहा कि माता-पिता को गंवा चुके बच्चों की सूची विभाग से मांगी गई है। उन बच्चों के घर जाकर मैं खुद जो बन पड़ेगा, अपने स्तर पर करूंगा। उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। कोई भी दिक्कत होगी, उसे दूर कराया जाएगा।

नहीं भूल पा रहे कोरोना संक्रमण काल का वह दौर

अप्रैल से जून के बीच अपने माता-पिता को गंवा चुके छह बच्चे रिश्तेदारों पर आश्रित हैं। इन बच्चों के जेहन में कोरोना के संक्रमण काल का वह दौर आज भी ताजा है, जिसमें उन्हें मां-बाप का चेहरा भी देखना नसीब नहीं हुआ। हालांकि स्वजन उनका ख्याल रख रहें हैं फिर भी वे उस मंजर को नहीं भूल पा रहे हैं।

30 आवेदनों की जांच अंतिम दौर में

प्रोबेशन विभाग का कहना है कि 30 नए आवेदन मिले हैं, जिनमें किसी के मां या किसी के पिता नहीं हैं। उन आवेदनों को ब्लाक स्तरीय टास्क फोर्स को सौंप दिया गया है, जिसकी जांच अंतिम दौर में है। जनपद में कुल अनाथ बच्चों की संख्या 75 है, जिसमें छह ऐसे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता को खोया है। इसके अलावा 39 बच्चे ऐसे है जिनके माता या पिता की मौत हुई है।

बाल सेवा योजना के तहत 25 को मिला लाभ

-मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 25 बच्चों को अभी तक आर्थिक सहयोग की धनराशि खाते में गई है। इस योजना से कोविड अनाथ बच्चों को 4000 की राशि प्रतिमाह देखभाल के लिए दी जा रही है। अब तक 25 बच्चों के खाते में 12-12 हजार रुपये की धनराशि भेजी जा चुकी है।

chat bot
आपका साथी