अयोध्या में राम मंदिर तो बांसी में राम-जानकी मंदिर का होगा शिलान्यास

बांसी नदी के रामघाट से श्रीराम का नाता है। जनकपुर से लौटते समय उन्होंने रामघाट पर बरातियों संग रात्रि विश्राम किया था। सुबह कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नदी में स्नान किया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 10:54 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 06:06 AM (IST)
अयोध्या में राम मंदिर तो बांसी में राम-जानकी मंदिर का होगा शिलान्यास
अयोध्या में राम मंदिर तो बांसी में राम-जानकी मंदिर का होगा शिलान्यास

कुशीनगर: अयोध्या में पांच अगस्त को जिस मुहूर्त में राम मंदिर का शिलान्यास होगा, उसी मुहूर्त में प्रभु श्रीराम के पुत्र कुश की राजधानी रही कुशीनारा (वर्तमान में कुशीनगर) के विशुनपुरा ब्लॉक के बांसी नदी के समीप सोहरौना गांव में रामजानकी मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर यहां के लोगों में उल्लास दिख रहा है। महंत गोपाल दास अपने सहयोगियों के साथ शिलान्यास की तैयारी में जुटे हैं।

बांसी नदी के रामघाट से श्रीराम का नाता है। जनकपुर से लौटते समय उन्होंने रामघाट पर बरातियों संग रात्रि विश्राम किया था। सुबह कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नदी में स्नान किया था। तभी से यहां प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भव्य मेला लगता है और यूपी व बिहार से श्रद्धालु नदी में डुबकी लगाते हैं। रामघाट पर भव्य श्रीराम जानकी मंदिर बना है। वाटिका में चंदन, रुद्राक्ष समेत दुर्लभ प्रजाति के पेड़-पौधे मौजूद हैं। इस जगह के लिए किंवदंति है कि सौ काशी और एक बांसी। अर्थात एक बार बांसी नदी में स्नान करने पर सौ बार काशी स्नान के बराबर पुण्य मिलता है। यहां के महंत गोपाल दास कहते हैं कि रामघाट परिक्षेत्र के सोहरौना गांव में नया मंदिर बनाने की योजना है। पांच अगस्त को उसका शिलान्यास होगा। पंडित कपिल मुनि मिश्रा पूजन कार्यक्रम को संपादित करेंगे।

महंत गोपाल दास ने कहा कि पांच अगस्त को अयोध्या में जन्मभूमि पर राममंदिर के शिलान्यास का क्षण ऐतिहासिक व अद्भुत होगा। असंख्य भक्त इस क्षण का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। उस समय रामघाट परिक्षेत्र में उत्सव का माहौल रहेगा। यहां भी मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा।

पुजारी ध्रुव दास ने कहा कि प्रभु श्रीराम के चरणों में जीवन समर्पित कर दिया। बचपन से वैरागी बनकर श्रीराम का पूजन-वंदन करता चला आ रहा हूं। रामघाट के रामजानकी मंदिर में ही रहता हूं। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर मेरा सपना है जो पूरा होने की सुखद अनुभूति हो रही है।

चौकीदार खलील अंसारी ने कहा कि बांसी नदी के रामघाट पर स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में बागवानी व चौकीदारी का कार्य 40 वर्षों से करता आ रहा हूं। हिदू-मुस्लिम सब भाई भाई हैं, सबको मिलकर अपने-अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए। अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए सरकार को साधुवाद।

ग्रामीण तुफानी ने कहा कि भगवान श्रीराम हमारे आराध्य हैं, उनके जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण सुखदायी है। पांच अगस्त को शिलान्यास की तिथि तय हुई तो रोम-रोम पुलकित हो उठा। बांसी इलाके के लोग खुशियां मना रहे हैं। सबका सपना पूरा होने का समय आ गया है।

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