तेज हवा के साथ बारिश, धान की फसल बर्बाद
बारिश के साथ चल रही तेज हवा ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। पूंजी लगाकर धान की फसल तैयार की थी लेकिन प्रकृति हमारे खिलाफ हो गई है। जब फसल काटने का समय हुआ तो फसल बर्बाद हो गई।
कुशीनगर: बारिश का सिलसिला बीते तीन दिनों से जारी है। शुक्रवार को भी बारिश के साथ तेज हवा ने कहर बरपाया। खेत में खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई। यह देख किसानों के चेहरे पर उदासी छा गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि पानी में गिरी हुई फसल यदि जड़ से नहीं उखड़ी है तो यह धूप होने के साथ खड़ी हो जाएगी। फिर भी 20 से 30 फीसद उत्पादन घट जाएगा। क्षेत्र के बटेसरा, सबया, बेलवा, सिसवां महंथ, डुमरी, सिरसिया खोहिया, हतवा, रघुनाथपुर, खेदनी, मंगलपुर, मधवापुर, पिपराझाम आदि गांवों में फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों का कहना कि सरकार सर्वे कराकर उचित मुआवजा दे।
क्या कहते हैं किसान
बारिश के साथ चल रही तेज हवा ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। पूंजी लगाकर धान की फसल तैयार की थी, लेकिन प्रकृति हमारे खिलाफ हो गई है। जब फसल काटने का समय हुआ तो फसल बर्बाद हो गई।
-किसान ब्रह्मा सिंह जुलाई व अगस्त में बारिश ने साथ दिया तो लगा कि इस बार फसल की पैदावार अच्छी होगी। पर, जब धान की फसल तैयार हो गई तो बारिश व हवा ने बर्बाद कर दिया। गाढ़ी कमाई पानी में मिल गई। सरकार को मुआवजा देना चाहिए।
-किसान उदयभान यादव
गन्ना रोग लग जाने से सूख गया। आस थी कि धान की फसल हमारा साथ देगी, लेकिन बारिश व हवा ने इसे भी खत्म कर दिया। सबसे अधिक परेशानी छोटे रकबा वाले किसानों को है।
-किसान मधुसूदन यादव प्रवासी मजदूर भी गांव आ गए हैं। यहीं पर खेती व मजदूरी कर जीविकोपार्जन का निर्णय ले लिया। यहां भी परेशानियां ही झेलनी पड़ रही है। बारिश व हवा ने उनकी आस पर पानी फेर दिया।
-किसान हरिश्चंद्र प्रसाद