प्रधानमंत्री को है देशवासियों और अर्थव्यवस्था की चिता

कुशीनगर के व्यापारी समाज ने प्रधानमंत्री के संदेश को बताया दूरदर्शी सोच प्रधानमंत्री के हर निर्णय के साथ हैं लोग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 01:14 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 01:14 AM (IST)
प्रधानमंत्री को है देशवासियों और अर्थव्यवस्था की चिता
प्रधानमंत्री को है देशवासियों और अर्थव्यवस्था की चिता

कुशीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह साफ-साफ कहना कि देश को लाकडाउन से बचाना है। इसे अंतिम विकल्प के रूप में लेना है। देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का भी ध्यान रखना है। .. इन बातों को व्यापारी समाज प्रधानमंत्री की संवदेनशीलता और दूरदर्शी सोच बता रहा है। उनका कहना है कि इससे यह साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री को देशवासियों और देश की अर्थव्यवस्था दोनों की चिता है। व्यापारियों ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि देशहित में जो भी निर्णय पीएम लेंगे, हम साथ देंगे।

व्यापारी सौरभ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि देश को लाकडाउन से बचाना है, यह बता रहा है कि महामारी के बीच उनको देश की आमजनता की रोजी-रोटी का पूरा ख्याल है। महामारी से जूझते देश में फिर से लाकडाउन होने से स्थितियां बहुत भयावह हो जाएंगी। इसीलिए वह इसे अंतिम विकल्प के रूप में लेने की बात कह रहे हैं। हम इसका स्वागत करते हैं।

व्यापारी सतीश कुमार बंका ने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन में यह बात पूरी तरह से सामने आ गई है कि महामारी के इस दौर में उनको देश की पूरी वास्तविक स्थिति का भान है। इसीलिए वह कह रहे हैं कि देश को लाकडाउन से बचाना है। अंतिम अस्त्र के रूप में वह इसकी बात कर रहे हैं। उनका यह कहना सही भी है, फिर से लाकडाउन लगा तो आर्थिक महामारी खड़ी होगी, उससे उबरना संभव नहीं होगा।

व्यवसायी अमित साहा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जिस तरह से देश को लाकडाउन के हालात से बचाने की बात कही, उससे इतना तो साफ हो गया है कि उनकी सोच दूरदर्शी है। हमें महामारी से लड़ना भी होगा और आर्थिक पटरी पर चलना भी होगा, तभी हम खुद को बचा पाएंगे। लाकडाउन से दूरी रखने का मतलब यह नहीं है कि हम बीमारी से लड़ने में पीछे हटेंगे। हम पीएम मोदी के साथ हैं।

व्यवसायी निकिता ने कहा कि पीएम के संबोधन ने एक तरह से हमें संजीवनी दी है। उन्होंने कहा कि देश को लाकडाउन से बचाना है। आमजन के स्वास्थ्य के साथ देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का भी ध्यान रखना है। यह दूरदर्शी सोच है जो देश को हर परिस्थिति से लड़ने के लिए खड़ा करेगा। आर्थिक मजबूती ही देश को किसी भी आपदा से लड़ने के लिए खड़ा करने का कार्य करती है।

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