पूर्व की भांति स्कूलों के खाता संचालन की मिले अनुमति

कुशीनगर के शिक्षकों ने राज्य परियोजना निदेशक के एसबीआई में खाता खोलने के आदेश का विरोध करते हुए कहा है कि हर जगह एसबीआइ की शाखा नहीं है जिससे आदेश का अनुपालन करने में दिक्कत आएगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 01:19 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 01:19 AM (IST)
पूर्व की भांति स्कूलों के खाता संचालन की मिले अनुमति
पूर्व की भांति स्कूलों के खाता संचालन की मिले अनुमति

कुशीनगर : उप्र जूनियर हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ की जिला इकाई ने बुधवार को राज्य परियोजना निदेशक को संबोधित ज्ञापन बीएसए विमलेश कुमार को सौंप विद्यालय प्रबंध समिति व एमडीएम से जुड़े खाते को एसबीआइ में खोलने की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की। शिक्षकों ने बताया कि इस आदेश से उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

दोपहर तीन बजे जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय पहुंच शिक्षकों ने बीएसए से मिलकर समस्याएं बताईं। कहा कि विद्यालय प्रबंध समिति तथा मध्यान्ह भोजन निधि का खाता भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं में खोलने का आदेश राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा ने दिया है। जिले में लगभग तीन हजार विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। सभी जगहों पर इस बैंक की शाखाएं नहीं हैं। ऐसे में शिक्षकों को संबंधित धनराशि के आहरण के लिए दूर-दराज जगहों पर जाना-आना पड़ेगा। बैंक जाने के लिए शिक्षकों को अलग से कोई अवकाश नहीं मिलता है। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान बैंक गए शिक्षक अगर अनुपस्थित पाए गए तो उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होगी। ऐसे में विद्यालयों के संचालित इन खातों को एसबीआइ में खोले जाने की अनिवार्यता समाप्त कर पूर्व की भांति संचालित होने दिया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रांतीय संयुक्त मंत्री श्रीनिवास शर्मा, जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, जिला मंत्री छेदी प्रसाद, जिला उपाध्यक्ष इंद्रजीत मणि, मोलई प्रसाद, विनोद प्रसाद, कुंजेश्वर सिंह आदि शामिल रहे।

निश्शुल्क पुस्तक मिलते ही खिले बच्चों के चेहरे

मोतीचक विकास खंड के संविलयन विद्यालय पेकौली में खंड शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश मौर्य ने बुधवार को बच्चों में किताबें वितरित कीं। पुस्तकें पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे।

विद्यालय में प्राथमिक वर्ग के 299 तथा उच्च प्राथमिक वर्ग के 160 बच्चों को किताबें दी गईं। खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि सभी विद्यालयों में शीघ्र ही पुस्तकें पहुंच जाएंगी। उन्होंने ई-पाठशाला, समय सारणी, दीक्षा एप एवं कायाकल्प की विस्तार से जानकारी दी।

शंभू कुशवाहा, मदनपाल, जनार्दन शर्मा, श्रीधर पांडेय, नरेंद्र दूबे, अवध विहारी त्रिपाठी, सोनू गुप्ता, चित्तनाथ यादव, दुर्गेश मिश्र आदि शिक्षक मौजूद रहे।

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