अब स्कूली बसों की होगी फिटनेस जांच
एआरटीओ संदीप कुमार पंकज ने बताया कि स्कूलों में चलने वाली बसों के लंबे समय से खड़ी रहने की वजह से खराब होने की आशंका अधिक है इसलिए संचालकों को दो हफ्ते का मौका दिया गया है कि वे बसों में सबकुछ ठीक-ठाक करा लें। फरवरी में सभी बसों को अलग-अलग बुलाकर फिटनेस की जांच कर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
कुशीनगर: उपसंभागीय परिवहन विभाग अब स्कूली वाहनों की फिटनेस की जांच करेगा, इसके लिए संचालकों को 31 जनवरी तक का समय दिया गया है।
इस दौरान संचालक सभी बसों की स्थिति को ठीक कर फिटनेस की जांच कराएंगे। उन्हें फरवरी के पहले हफ्ते में बुलाने की तैयारी है, ताकि एक साथ बसों की फिटनेस की जांच हो सके। कुशीनगर जनपद के विभिन्न स्कूलों में चलने वाली बसों की संख्या 750 है, जिसमें बड़ी बसें 455 हैं, तो मिनी बसें, मैजिक आदि 275 हैं। जबकि बड़ी संख्या में बिना पंजीकृत वाहन भी स्कूलों में बच्चों को ढोते हैं।
विभाग का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च के अंतिम सप्ताह से सभी स्कूल बंद हैं। लगभग 10 महीने से खड़ी बसों का फिटनेस का समय भी पूरा हो चुका है, क्योंकि फिटनेस छह महीने से एक वर्ष के लिए होता है। ऐसे में बसें बिना ठीक कराएं चलेंगी, तो बच्चों के लिए खतरनाक होगा। यह होगी जांच
प्रदूषण, हेड व बैक लाइट व शीशा, टायर,ब्रेक, सीट व बेल्ट, आग बुझाने के इंतजाम, इमरजेंसी डोर, बसों की खिड़की पर जाली, स्टेयरिग व पार्किंग इंडिकेटर,फाग लाइट, कलर रिफ्लेक्टर आदि यह है जरूरी
चिकित्सा व्यवस्था, चालक व परिचालक वर्दी में रहेंगे, वाहन के खिड़की पर राड व जाली लगा होगा, वाहन के पीछे चालक व परिचालक तथा प्रधानाचार्य व प्रबंधक का नाम, चालक, प्रधानाचार्य व प्रबंधक का मोबाइल नंबर अंकित रहेगा, एक-एक बच्चे को सड़क पार कराने की जिम्मेदारी परिचालक की,सीट के मुताबिक बच्चों को बैठाना, परिचय पत्र रहेगा साथ, चालक के पास भारी वाहन चलाने का लाइसेंस
एआरटीओ संदीप कुमार पंकज ने बताया कि स्कूलों में चलने वाली बसों के लंबे समय से खड़ी रहने की वजह से खराब होने की आशंका अधिक है, इसलिए संचालकों को दो हफ्ते का मौका दिया गया है कि वे बसों में सबकुछ ठीक-ठाक करा लें। फरवरी में सभी बसों को अलग-अलग बुलाकर फिटनेस की जांच कर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।