नहीं निकला समाधान, दोनों पक्ष शांति भंग में पाबंद

कुशीनगर के पटहेरवा थाने के नाथापट्टी गांव में भूमि विवाद के मामले में महिला ने दी है आत्मदाह की धमकी मंडलायुक्त के आदेश पर गांव में पहुंची थी राजस्व व पुलिस की टीम।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 01:15 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 01:15 AM (IST)
नहीं निकला समाधान, दोनों पक्ष शांति भंग में पाबंद
नहीं निकला समाधान, दोनों पक्ष शांति भंग में पाबंद

कुशीनगर : पटहेरवा थाना के नाथापट्टी गांव में मंडलायुक्त के आदेश पर बुधवार को पहुंची राजस्व विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम भूमि विवाद का निस्तारण नहीं करा सकी। दोनों पक्ष को शांति भंग में पाबंद कर दिया। टीम के पहुंचने के बाद कुछ देर के लिए दोनों पक्ष में तनाव खड़ा हो गया था।

गांववासी काबर अली उर्फ बाबूजान का रियासत व शहीद से पुराना भूमि विवाद है। बाबूजान की तरफ से उनकी बहन फातिमा पैरवी करती हैं। जिले के अधिकारियों से मांग पूरी नहीं होने पर वह मंडलायुक्त कार्यालय पर अनशन पर भी बैठी थीं। उस समय ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा ने भूमि पर कब्जा दिलाकर बाउंड्री चलवा दी। बावजूद इसके वह और भूमि की मांग करती रही। इस बीच उसने 24 सितंबर को मंडलायुक्त कार्यालय पर आत्मदाह की धमकी दी है। इसी के तहत उप जिलाधिकारी कसया प्रमोद तिवारी, तहसीलदार मंधाता प्रताप सिंह, क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज फूलचंद कनौजिया, प्रभारी निरीक्षक पटहेरवा सुनील कुमार सिंह पुलिस बल व राजस्व कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे थे। फातिमा को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह जिद्द पर अड़ी रही।

प्रशासनिक टीम ने की विकास कार्यो में अनियमितता की जांच

विशुनपुरा ब्लाक के बरवा पुर्दिल गांव के जड़हां टोला में प्रशासनिक टीम ने विकास कार्यो में अनियमितता की जांच की। गांव के मुरारी मिश्र ने गांव में चबूतरा, खड़ंजा निर्माण व मरम्मत कार्य, कुंआ सुंदरीकरण आदि में अनियमितता का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी एस राजलिगम व सीडीओ अनुज मलिक से शिकायत की थी।

डीएम के निर्देश पर प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी देवेंद्र के नेतृत्व में तकनीकी सहायक अजय सिंह, सचिव राजेश यादव समेत पांच सदस्यीय टीम गांव में पहुंची। शिकायतकर्ता समेत गांव के लोगों की मौजूदगी में प्राथमिक विद्यालय परिसर व नारायण के घोठा पर चबूतरा निर्माण, फूलपती व जनार्दन के दरवाजे पर कुएं की मरम्मत, अली मोहम्मद के घर से पीडब्ल्यूडी सड़क तक खड़ंजा निर्माण का भौतिक सत्यापन किया गया। शिकायतकर्ता का कहना था कि टीम ने पारदर्शिता के साथ जांच नहीं की है। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी। टीम के पास विकास कार्यों का कोई अभिलेख मौजूद नहीं था।

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