कुशीनगर में खतरे के निशान से महज 15 सेमी नीचे पहुंची नारायणी
कुशीनगर में एपी वाल्मीकि नगर बैराज से घटे डिस्चार्ज से राहत की उम्मीद कटान की आशंका एपी व नरवाजोत एक्सेंटशन बांध पर दबाव बढ़ा।
कुशीनगर : लगातार हुई बारिश व वाल्मीकि नगर बैराज से एक दिन पूर्व 4.22 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज होने से नारायणी नदी के एपी बांध के किमी जीरो पिपराघाट में लगे गेज पर गुरुवार को जलस्तर 76.05 मीटर दर्ज किया गया। यह बुधवार को दर्ज 75.70 मीटर से 35 सेंटीमीटर अधिक है। नदी खतरे के निशान से महज 15 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। पिपराघाट में खतरे का निशान 76.20 मीटर पर अंकित है। इससे बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
हालांकि राहत की बात यह है कि गुरुवार को वाल्मीकि नगर बैराज से डिस्चार्ज में कमी दर्ज की गई। दोपहर में डिस्चार्ज घटकर 2.42 लाख क्यूसेक हो गया, घटते जलस्तर से कटान की आंशका बढ़ गई है। बांध पर नदी का दबाव बढ़ गया है। सिचाई विभाग खतरे से अनजान व लापरवाह बना हुआ है। बांध को कटान से बचाने के लिए एपी बांध के किमी 13.500 से किमी 14.000 तक बाघाचौर गांव के सामने पत्थर से कराए जा रहा रिवेटमेंट का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है। नदी ने कमजोर प्वाइंटों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। नरवाजोत एक्सटेंशन बांध पर भी स्थिति संवेदनशील बनी हुई है
तेजी से चल रहा है बचाव कार्य : अधिशासी अभियंता
बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह ने बताया कि भारी बारिश के बावजूद बचाव कार्य रुका नहीं है, यह तेजी से हो रहा है। बांध पूरी तरह सुरक्षित है। संवेदनशील स्थानों पर विभाग की नजर है।
डूबने से नष्ट हो गई धान की नर्सरी, किसान परेशान
छह दिन से लगातार हो रही बरसात के चलते क्षेत्र के सलेमगढ़, तिनफेड़िया, दाहूगंज, डिबनी आदि गांवों में पानी में डूबने से धान की नर्सरी नष्ट हो गई है। सब्जी की फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है।
जमुनिया टोला के निवासी किसान रवींद्र गुप्ता ने बताया कि लग रहा है इस साल धान की फसल नहीं होगी। तरयासुजान लच्छीराम के केश्वर भगत का कहना है जून की बारिश आफत लेकर आयी है। हफुआं जीवन के विश्राम गोंड ने कहा कि हमारे धान की नर्सरी रोपनी लायक हो गई थी, कई दिनों से पानी में डूबने से सड़ रहा है। बहादुरपुर के रामप्रीत यादव ने कहा कि लगातार हो रही बारिश ने होश उड़ा दिया है। एसडीएम एआर फारुकी ने कहा कि यह दैवी आपदा है। सरकार कोई न कोई रास्ता जरूर निकालेगी।