मवन नाला टूटा, धान की दो सौ एकड़ फसल जलमग्न
कुशीनगर के कप्तानगंज ब्लाक में टूटा नाला सूचना के बाद भी विभाग व प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान प्रधान की पहल पर ग्रामीणों ने शुरू किया बचाव का कार्य ।
कुशीनगर : कप्तानगंज विकास खंड के गांव भड़सर खास व कारीतिन के समीप मवन नाला मंगलवार सुबह ओवरफ्लो होकर टूट गया। इससे किसानों की लगभग दो सौ एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई। वहीं आसपास के गांवों में पानी जमा हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना के बाद भी जिम्मेदार संज्ञान नहीं लिए।
मवन नाला क्षेत्र के गांव खपरधिक्का, माफी टोला, करैलिया टोला, बुड़नतवापुर, कारीतिन, सोहनी आदि गांवों से होकर बहता है। लगभग 22 किमी लंबे इस नाले में तब एकाएक पानी बढ़ गया जब पड़ोसी जनपद महराजगंज सिचाई विभाग द्वारा नाले में पानी छोड़ा गया। इससे यह नाला भड़सर व कारीतिन गांव के समीप टूट गया और लगभग सात सौ किसानों की दो सौ एकड़ धान की फसल चपेट में आ गई। जलभराव से धान तथा सब्जी की खेती पूरी तरह प्रभावित हुई है। साथ ही भड़सर, कारीतिन, खपरधिक्का आदि गांवों में पानी जमा हो गया है। गांव के लोगों का आरोप है कि सूचना के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। किसानों के परिश्रम पर संकट खड़ा हो गया है, लेकिन प्रशासन को कोई चिता नहीं है। मवननाले के चलते इसके पहल भी कई बार यहां तबाही हो चुकी है। ग्राम प्रधान जनार्दन, प्रधान प्रतिनिधि राजू पासवान ग्रामीणों संग मौके पर पहुंचे और निजी स्तर पर बचाव का कार्य शुरू कराया। तहसील व जिला प्रशासन को भी इसकी सूचना दी। गौतम गुप्ता, सुभाष सिंह, मुन्ना सिंह, राम नरेश, राम सिंह, पंचम सिंह, अलगू साहनी आदि मौजूद रहे। एसडीएम प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि गांव में राजस्व टीम भेजी जा रही है। बचाव कार्य किया जाएगा। किसानों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
रजवाहा टूटने से फसल जलमग्न
विकास खंड नेबुआ नौरंगिया के पिपरावरसिवान के समीप बड़हरवा रजवाहा के टूटने से किसानों की धान की फसल डूब गई है। आरोप है कि सूचना के बाद भी विभाग टूटे रजवाहे की मरम्मत नहीं करा रहा है। इसके चलते धान की फसल डूब कर बर्बाद हो रही है। गन्ने के खेतों में भी जलभराव हो रहा है। पानी अब गांव के समीप तक पहुंच गया है।
जलभराव से किसान परेशान हैं कि फसलों के नुक़सान की भरपाई कैसे होगी। फेंकू कुशवाहा, विजय बहादुर, लल्ला, रमेश, बटोही, महबूब, सुरेश, साबिर, जामा अंसारी, अवधेश कुशवाहा आदि किसानों का आरोप है कि पिछले साल भी यह रजवाहा टूटा था, जिसके चलते फसलें काफी प्रभावित हुई थीं।