कुशीनगर में निलंबित इंस्पेक्टर के बचाव में लिखा पत्र वायरल

कुशीनगर के रामकोला में तैनात इंस्पेक्टर को पत्र में बताया गया है अछा इंसान किया गया है बचाव इंटरनेट मीडिया पर वायरल पत्र के निकाले जा रहे निहितार्थ।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:49 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:49 PM (IST)
कुशीनगर में निलंबित इंस्पेक्टर के बचाव में लिखा पत्र वायरल
कुशीनगर में निलंबित इंस्पेक्टर के बचाव में लिखा पत्र वायरल

कुशीनगर : महिला कांस्टेबल को अभद्र मैसेज भेज अपनी बात मनवाने के लिए दबाव बनाने वाले निलंबित इंस्पेक्टर करूणेश प्रताप सिंह से जुड़ा एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पत्र में इंस्पेक्टर का जमकर बचाव किया गया है, मददगार स्वभाव वाला व एक अच्छा इंसान बताया गया है।

पत्र उसी महिला कांस्टेबल के हवाले से फर्जी ढंग से लिखा गया प्रतीत हो रहा है जिसने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। कांस्टेबल ने भी इस तरह का कोई पत्र लिखने या किसी सक्षम अधिकारी को देने की बात से साफ इन्कार किया है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि यह सब आखिर कौन कर रहा।

बीते दिनों पुलिस महकमे में सामने आया यह प्रकरण सुर्खियों में छाया रहा। महिला कांस्टेबल की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक सचिद्र पटेल ने आरोपित इंस्पेक्टर व रामकोला के थानेदार रहे करूणेश प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया था। महिला कांस्टेबल ने थानेदार पर बार-बार अश्लील मैसेज भेजने, अपनी बात मनवाने के लिए लगातार दबाव बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। सीओ तमकुहीराज फूलचंद कन्नौजिया की जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर यह कार्रवाई हुई थी। इधर प्रकरण से जुड़ा एक पत्र इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें इंस्पेक्टर पर पूर्व में लगे आरोपों को गलत बताया गया है।

कोटेदार पर धांधली का आरोप, जांच शुरू

दुदही विकास खंड के मछरियां बसन्त भारती गांव के ग्रामीणों ने कोटेदार पर राशन गबन करने का आरोप लगाते हुए एसडीएम को शिकायती पत्र सौंपा है। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक 49 अंत्योदय तथा 259 पात्र गृहस्थी सहित गांव में कुल 308 कार्डधारक हैं।

कोटेदार रेहाना खातून ने गत फरवरी में 49 अंत्योदय कार्ड धारक व पात्र गृहस्थी के 233 कार्डधारकों को ही राशन दिया। 26 कार्डधारक वंचित रह गए। कोटेदार ने चालान में शत प्रतिशत राशन वितरण दर्ज कर 26 पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों का राशन गबन कर लिया। गांव के गोपीचंद गुप्ता ने आरटीआइ के तहत पूर्ति निरीक्षक से जानकारी मांगी, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। सुजीत, रविन्द्र यादव, मुकेश, केदार यादव, नंदलाल प्रसाद, रामाधार, सुभाष, अशोक, गोविद, गंगा आदि ग्रामीणों ने बीते एक जून को एसडीएम को शिकायती पत्र सौंप जांच कर कार्रवाई की मांग की। एसडीएम एआर फारुक ने कहा कि पूर्ति निरीक्षक को जांच सौंपी गई है। दोषी पाए जाने पर कोटेदार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

chat bot
आपका साथी