पेट के बल लेटने से आक्सीजन की कमी हो सकती है दूर

डा. धनंजय पांडेय ने बताया कि पेट के बल लेटने के लिए 4 से 5 तकिए की जरूरत है। सबसे पहले वह पेट के बल लेटें एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें। इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 12:04 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 12:04 AM (IST)
पेट के बल लेटने से आक्सीजन की कमी हो सकती है दूर
पेट के बल लेटने से आक्सीजन की कमी हो सकती है दूर

कुशीनगर : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उपचाराधीन में आक्सीजन की कमी की समस्या सबसे अधिक है। शरीर में आक्सीजन की कमी होने से कई कोरोना संक्रमित को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है, लेकिन होम आइसोलेशन में मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर आक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं।

डा. धनंजय पांडेय ने बताया कि पेट के बल लेटने के लिए 4 से 5 तकिए की जरूरत है। सबसे पहले वह पेट के बल लेटें, एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें, एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं दो तकिया पैर के टखने के नीचे रखें। इस तरह से 30 मिनट से दो घंटे तक सो सकते हैं। सोने के चार पोजीशन फायदेमंद सोने की चार पोजीशन को महत्वपूर्ण बताया है। जिसमें 30 मिनट से दो घंटे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से दो घंटे तक बाएं करवट, 30 मिनट से दो घंटे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से दो घंटे तक दोनों पैर सीधा कर पीठ को किसी जगह टिकाकर बैठें। इन बातों का रखें ख्याल - खाने के एक घंटे तक पेट के बल सोने से परहेज करें - पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकते हैं, उतना ही सोने का प्रयास करें - तकिए को इस तरह रखें जिससे सोने में आसानी हो

सड़क बदहाल, मरम्मत की मांग

नारायणी नदी के किनारे बसे गांवों को सीमावर्ती बिहार प्रांत के गांवों व सेवरही विकास खंड मुख्यालय से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क खस्ताहाल हो गई है। पीडब्लूडी की यह सड़क जगह-जगह टूटकर गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। क्षेत्रीय लोगों ने मरम्मत की मांग की है।

करीब 25 किमी लंबी यह सड़क अहिरौलीदान, बीरवट कोन्हवलिया, बांकखास, बाघाचौर, फागुछापर, मठिया श्रीराम, दनियाडी, खैरटिया, बेदूपार एहतमाली, बेदूपार मुस्तकील, तरयासुजान, रामपुर बंगरा, सिसवा मुस्तकील, सिसवा एहतमाली आदि गांवों को ब्लाक, तहसील व जिला मुख्यालय से जोड़ती है। बाढ़ के समय इस सड़क का प्रयोग कर बचाव कार्य संपादित किया जाता है। बाढ़ क्षेत्र की यह मुख्य सड़क दुर्दशाग्रस्त हो गई है। सड़क के प्रति जनप्रतिनिधियों व प्रशासन की उपेक्षा से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने शीघ्र सड़क मरम्मत कराने की मांग की है।

chat bot
आपका साथी