कुशीनगर में बापू की पादुका लेकर बुद्ध विहार पहुंचे आयोजक
कुशीनगर में श्रद्धाभाव के साथ बेटे संग की परिक्रमा टेका मत्था।
कुशीनगर: मानस मर्मज्ञ प्रख्यात राम कथा वाचक मोरारी बापू कुशीनगर में कथा सुनाने पहुंचे हैं। उनकी कथा की इस पृष्ठभूमि के पीछे आयोजक अमर तुलस्यान की बड़ी भूमिका है। बापू और रामकथा के प्रति अगाध श्रद्धा रखने वाले तुलस्यान रविवार की सुबह बेटे प्रणव के साथ बापू की पादुका लेकर महापरिनिर्वाण मंदिर पहुंचे और पूरे भक्तिभाव से खड़ाऊ संग परिक्रमा की। इसके बाद मंदिर में प्रवेश कर पूरे भाव के साथ बुद्ध वंदना भी की।
इस दौरान बुद्ध विहार में राम और बुद्ध के भक्तिभाव का संगम देखने को मिला। लगभग आधे घंटे तक यह माहौल रहा।
भगवान बुद्ध को रोज लगता है बापू के भंडारे के प्रसाद का भोग
बापू के भंडारे में बनने वाले प्रसाद का नियमित रूप से भगवान बुद्ध को भोग लगाया जा रहा है। आयोजन स्थल पर प्रतिदिन श्रद्धालुओं और मोरारी बापू के लिए प्रसाद बनता है। तैयार होने के बाद प्रसाद का भोग पहले ठाकुर जी को लगता है। इसके बाद कुछ लोग आयोजन स्थल से प्रसाद लेकर सीधे भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण मंदिर पहुंचते हैं और उसका भोग लगाते हैं। आयोजन समिति से जुड़े सुमित त्रिपाठी ने बताया कि यह क्रम रामकथा के प्रथम दिन से ही चल रहा है, आगे भी चलता रहेगा।
अंदर प्रवेश न मिलने पर बाहर स्क्रीन पर कथा सुनते लोग
रविवार को रामकथा सुनने आए कुछ लोगों को पंडाल में प्रवेश नहीं मिला तो ठंड की परवाह किए बगैर खुले में बैठ गए और एलसीडी के जरिये बापू की कथा सुनने लगे। यहां कथा सुन रहे विनोद, राजेश, रविद्र ने बताया कि अंदर प्रवेश नहीं मिला तो क्या बाहर ही सही। अमृत कथा का रसपान तो वही है। स्थान महत्व नहीं रखता, भाव की प्रमुखता होती है।