कुशीनगर में रामकथा का अमृत, पीने को श्रद्धा लालायित

कुशीनगर में मोरारी बापू की कथा सुनने के लिए कोई मुंबई तो किसी ने दिल्ली से आया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 11:25 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 11:25 PM (IST)
कुशीनगर में रामकथा का अमृत, पीने को श्रद्धा लालायित
कुशीनगर में रामकथा का अमृत, पीने को श्रद्धा लालायित

कुशीनगर: बुद्ध की पावन परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में प्रख्यात राम कथा वाचक संत मोरारी बापू की रामकथा चल रही है। राम रस के अमृत की गंगा बह रही है तो श्रद्धा इसे पीने को लालायित है। कथा के पावन घाट पर पहुंचने पर श्रद्धा इसे भक्तिभाव से छक कर पी भी रही है।

कड़ाके की ठंड की जकड़ भी राम नाम की धुन की आगे पूरी तरह से ढीली पड़ जा रही है। तभी तो दिल्ली, मुंबई से चले कदम बुद्ध की धरा पर आकर ही रुके। इस महायज्ञ में शामिल होकर श्रोता खुद को कृतार्थ समझ रहे हैं। मुंबई के नासिक से पहुंचीं करुणा पटेल बताती हैं कि हम राम कथा के रूप में जीवन को अमर करने वाला अमृत पी रहे हैं। जीवन धन्य हो रहा है। हर कथा में जाने का प्रयास करती हूं, जितना राम को जी सकती हूं, जीती हूं। बापू के सानिध्य में राम कथा सुनना पुण्य का भागी बनना है। दिल्ली से आईं रंभा तो बताती हैं कि रामकथा सुनने को निकली और जैसे ही कथा स्थल पहुंची तो मेरा तीर्थ स्थल पर आने का मनोरथ पूरा हो गया। तीर्थ स्थल के घाट पर रामकथा की अमृत गंगा में डुबकी लगा रही हूं। जितनी डुबकी, उतनी रामकथा के अमृत पान की प्यास बढ़ती जा रही है। नागपुर से आए इंद्रेश शुक्ल बताते हैं कि रामकथा का अमृत पीने से मानव रूपी जीवन मानो अमर हो गया। धन्य हो गया। मुरारी बापू कथा नहीं कह रहे, बल्कि हम लोगों को जीवन का मर्म बता रहे हैं। सच तो यह है कि राम को जाने बिना, जिए बिना, जीवन का कोई मतलब ही नहीं है। कथा रूपी अमृत की धारा बह रही है, इसमें डूबना बड़भागी होना है। कथा की अमृत धारा में पूरी तरह से बह रहे मुंबई से आए नीलेश सोनकर बताते हैं कि राम ही तो जीवन हैं। बापू द्वारा श्रवण कराई जा रही रामकथा जितनी सुन रहा हूं उतना ही कृतार्थ हो रहा हूं। ऐसा राम रस और कहां जो मन को राम में विलीन कर दे।

chat bot
आपका साथी