कुशीनगर में नई पहल से तेज हुई गोल्डन कार्ड बनाने की रफ्तार
कुशीनगर में कार्ड बनाने में जुटे दूसरे विभागों के भी कर्मचारी पहले प्रतिदिन बनते थे दो से तीन सौ रविवार को बने 3368 कार्ड ।
कुशीनगर : नई पहल से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड बनाने की रफ्तार तेज हो गई है। बीते चार जनवरी को समीक्षा के दौरान डीएम ने लक्ष्य पूरा करने के लिए अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी इस काम में जोड़ा। यह जिम्मेदारी सौंपी कि जिन लाभार्थियों का कार्ड नहीं बना है, उनके गांव के जिम्मेदार खुद कार्ड बनवाकर देंगे। पहले प्रतिदिन दो से तीन सौ कार्ड बनते थे, रविवार को 3368 कार्ड बने।
23 सितंबर 2018 से शुरू हुई इस योजना में जिले के कुल 11 लाख 47 हजार नौ सौ 75 लाभार्थी चयनित हैं। उस समय एक लाख 56 हजार सात सौ 94 में गोल्डन कार्ड बनाकर वितरित किए गए थे। इसके बाद दो से तीन सौ के बीच प्रतिदिन कार्ड बनने की गति रही। यह संख्या चार दिसंबर 2020 तक एक लाख 59 हजार दो सौ 48 ही पहुंच सकी। नयी व्यवस्था में रविवार को गोल्डन कार्ड बनाने का रिकार्ड 2801 पहुंच गया। अब तक कुल एक लाख 70 हजार तीन सौ 88 पात्रों के कार्ड बन चुके हैं। सीएमओ डा. एनपी गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में गोल्डन कार्ड बनाने में कुशीनगर पहले स्थान पर है। यह लगाए गए कर्मचारी
-सोमवार-रोजगार सेवक-667
-मंगलवार-सफाई कर्मी-1428
-बुधवार-कोटेदार-1337
-गुरुवार-शिक्षक-874
-शुक्रवार-आशा-1370
-शनिवार-कामन सर्विस सेंटर-515 (कोटेदार के उपलब्ध कराए जगह पर कार्ड बनाएंगे)
जिलाधिकारी एस राज लिंगम ने बताया कि समीक्षा के दौरान गोल्डन कार्ड बनाने व वितरण की प्रगति खराब मिली थी। इसकी वजह से लाभार्थियों को निश्शुल्क मिलने वाला पांच लाख तक का इलाज नहीं मिल पा रहा था। अब लाभार्थी कार्ड बनने के बाद अपना इलाज आसानी से करा सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक दिन अलग-अलग विभागों के कर्मचारी लगाए हैं। नोडल अधिकारी के रूप में उनके विभागाध्यक्ष को लगाया है, जो प्रगति की समीक्षा कर रिपोर्ट देंगे।