कुशीनगर के खोट्ठा में जर्जर भवन में चल रहा अस्पताल
कुशीनगर के सुकरौली ब्लाक के खोट्ठा गांव में चल रहा आयुर्वेदिक अस्पताल बदहाली के दौर से गुजर रहा है। अस्पताल का भवन कर्मचारियों के काम करने लायक नहीं रह गया है।
कुशीनगर: सरकार के प्रयास के बाद भी आयुर्वेदिक अस्पतालों की सूरत नहीं बदल पा रही है। कहीं जर्जर तो कहीं किराये के भवन में अस्पताल संचालित हो रहे हैं। सुकरौली विकास खंड का खोट्ठा बाजार स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल का जर्जर भवन इसका प्रमाण है।
इस अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 30 मरीज इलाज कराने आते हैं। इस अस्पताल खोट्ठा की स्थापना 1972 में किराये के भवन मे हुई। 1993 में अस्पताल का भवन तैयार हुआ। 28 वर्ष में भवन उपयोग के लायक नहीं रह गया है। यहां एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वाय व परिचारक की तैनाती है। चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को जर्जर भवन से दुर्घटना का भय सताता रहता है। क्षेत्र के राजेंद्र सिंह, श्याम नरायण, रामजी पाल, रामपरसन सिंह आदि ने नया अस्पताल भवन बनवाने की मांग की है।
अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच, नहीं मिले संचालक
एसडीएम खड्डा अरविद कुमार ने प्रभारी चिकित्साधिकारी खड्डा डा. प्रभु कुमार के साथ शनिवार को क्षेत्र में चल रहे प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच की। इस दौरान सेंटर से चिकित्सक गायब मिले, जिस पर एसडीएम ने संचालकों को सख्त हिदायत दी।
एसडीएम ने दोपहर में प्रभारी चिकित्साधिकारी के साथ उपनगर स्थित तीन अल्ट्रासाउंड सेंटरों का निरीक्षण किया। इन पर संचालक गायब मिले। उन्होंने सेंटर पर मौजूद कर्मियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि बिना डाक्टर के अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
698 की रिपोर्ट मिली, सभी निगेटिव
कुशीनगर जिले के सरकारी अस्पतालों से भेजे गए कोरोना जांच के नमूनों में शनिवार को 698 की रिपोर्ट मिली, जिसमें सभी निगेटिव है।
सीएमओ डा. एनपी गुप्ता ने बताया कि अब तक कुल 5722 संक्रमितों में से 5652 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। जिले में आठ एक्टिव केस हैं। इनका इलाज जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज गोरखपुर में चल रहा है। पाजिटिविटी रेट 1.64, रिकवरी रेट 98.77 और मृत्यु दर 1.08 फीसद है।