कुशीनगर में कथा समिति ने गरीबों में वितरित किया खाद्यान्न

कुशीनगर में मोरारी बापू की कथा का आयोजन करने वाली संस्था ने गरीब परिवारों में खाद्यान्न वितरण किया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 12:17 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 12:17 AM (IST)
कुशीनगर में कथा समिति ने गरीबों में वितरित किया खाद्यान्न
कुशीनगर में कथा समिति ने गरीबों में वितरित किया खाद्यान्न

कुशीनगर: प्रख्यात कथा वाचक मोरारी बापू की रामकथा के अवसर पर आयोजक श्रीराम कथा प्रेमयज्ञ समिति ने सोमवार को एक हजार गरीब परिवारों में खाद्यान्न वितरित कराया। इनमें लगभग 200 मुसहर परिवार शामिल रहे। धुरिया भाठ गांव में वितरण किया गया।

हर परिवार को समिति द्वारा चावल, चना, नमक, तेल, दाल, माचिस के अलावा नित्य प्रयोग में आने वाली सामग्री घर तक पहुंचाई जा रही है। समिति के सदस्य सुमित त्रिपाठी व विक्रम अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद नहीं खिलाया जा रहा है। ऐसे में समिति ने प्रत्येक दिन गरीबों तक खाद्यान्न पहुंचाने की योजना बनाई है। इसमें बारी-बारी से जिले के सभी तहसीलों में सामग्री पहुंचाई जाएगी। बताया कि 20 हजार परिवारों तक खाद्यान्न पहुंचाने की योजना है।

कोविड जांच के साथ चल रहा स्वास्थ्य शिविर

मोरारी बापू के कथा स्थल परिसर में स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया है। यहां आने वाले लोगों के स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ कोविड-19 का परीक्षण किया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और राना इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के तत्वावधान में चिकित्सकों की टीम कार्यरत है। चिकित्सक दवा भी वितरित कर रहे हैं। डा. एसके सिंह, डा.संतोष कुशवाहा, फिजियोथेरेपिस्ट विरेंद्र कुमार शर्मा, एलटी विनोद कुमार, प्रवीण पांडेय, अशोक वर्मा, रीता, ममता, नाजिद, सद्दाम आदि उपस्थित रहे।

सीता हरण का मंचन देख द्रवित हो गए दर्शक

पडरौना विकास खंड के बढ़वलिया बुजुर्ग गांव में चल रही रामलीला में जनकपुर के सीतामढ़ी से आए कलाकारों ने रविवार की रात भरत का वन में श्रीराम से मिलन सहित सीता हरण तक की कथा का मंचन किया। सीता हरण का मंचन देख दर्शक द्रवित हो गए।

मुख्य अतिथि राजेश प्रताप राव उर्फ बंटी, विशिष्ट अतिथि सिकदर आलम ने फीता काटकर मंचन का शुभारंभ किया। मंचन के क्रम में पिता दशरथ के वचन का अनुपालन करने श्रीराम वन में चले गए हैं। ननिहाल से लौटने पर भरत को जानकारी होती है तो वे श्रीराम को मनाने वन में पहुंचते हैं। वे श्रीराम, सीता और लक्ष्मण को अयोध्या लौटने की विनती करते हैं, लेकिन श्रीराम उन्हें धर्म व नीति की सीख देते हैं। श्रीराम की खड़ाऊं लेकर भरत अयोध्या लौट आते हैं। वन में कुटी बनाकर रह रहे श्रीराम पर सूर्पनखा राक्षसी मोहित होकर विवाह का प्रस्ताव रखती है। बाद में लक्ष्मण उसकी नाक काट लेते हैं। इससे क्रोधित रावण सीता का हरण कर लेता है।

रामलीला मंडली के प्रबंधक शिवजी गिरी, सुधीर नागा बाबा, आयोजक अनिल मणि त्रिपाठी, कन्हैया लाल तिवारी आदि मौजूद रहे।

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