कुशीनगर में आसान नहीं बीएसएनएल से बात करना
कुशीनगर के पडरौना और कसया के उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है काल काल ड्राप की समस्या का सामाना पर्याप्त बीटीएस न होने से नेटवर्क संकट से जूझ रहे लोग।
कुशीनगर: कुशीनगर में बीएसएनएल यूजर्स के लिए काल एरर, काल फेल्ड व नेटवर्क व्यस्त रहने की समस्या रोज की बात हो गई है। टू जी व थ्री जी के चक्कर में फंसे उपभोक्ताओं को नेट की भी सुविधा ठीक से नहीं मिल पा रही है। इस समस्या के प्रति अधिकारी भी गंभीर नहीं है।
पडरौना व कसया नगर में कम से एक दर्जन से अधिक स्थानों पर उपभोक्ताओं को काल ड्राप से जूझना पड़ रहा है। बात करते-करते नेटवर्क का गायब होना, दोबारा काल कनेक्ट न होने से पैसा तो कटता ही है, बात भी पूरी नहीं हो पाती। यहां बीएसएनल का टावर भी लगा है, बावजूद काल ड्राप से जूझना पड़ता है। शिकायत पर गोरखपुर व देवरिया से आने वाले जिम्मेदार महज कोरमपूर्ति कर चले जाते हैं। यही कारण है कि समस्या जस की तस बनी हुई है। मुख्य बाजार में स्थित टावर के इर्द-गिर्द सौ मीटर की दूरी में नेटवर्क कुछ हद तक ठीक मिलता है, उससे बाहर होते ही बात करना मुश्किल हो जाता है। इन जगहों पर सर्वाधिक समस्या
शहर के साहबगंज, जटहां बाजार, धर्मशाला रोड, रेलवे स्टेशन रोड, सुभाष चौक, रामकोला रोड, नौका टोला, बावली चौक, ओंकार वाटिका के अलावा सटे गांव खांव खड्डा, मिश्रौली, सुसवलिया, केवल छपरा, नाहरछपरा, पिजरापोल गोशाला, कसया में गोला बाजार, बस स्टेशन, गांधी चौक, सपहां रोड पर बात करना काफ मुश्किल है। बीटीएस संख्या बढ़ाने की जरूरत
विभाग की मानें तो उपभोक्ताओं को बेहतर नेटवर्क की सुविधा देने के लिए 55 बीटीएस (बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन) लगाने होंगे, जो काल ड्राप की समस्या से निजात दिलाएंगे। जनपद में 88 बीटीएस टू जी व 13 बीटीएस थ्री जी के कार्यरत हैैं। बीएसएनएल के यूजर्स की संख्या पौने दो लाख से घटकर एक लाख पांच हजार पहुंच गई है। उपभोक्ताओं ने बताई समस्या
उपभोक्ता रंजन कुमार, देवेश कुमार मिश्र, कौशल सिंह कहते हैं कि बीएसएनएल संसाधन नहीं बढ़ा रहा है। उपभोक्ताओं की संख्या के सापेक्ष बीटीएस की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। इससे परेशानी कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। जबकि प्राइवेट सेवा प्रदाता कंपनियां बेहतर सुविधाएं दे रही हैं। इसीलिए लोग प्राइवेट कंपनियों की ओर बढ़ रहे हैं। उच्चाधिकारियों को कराया गया अवगत
एसडीओ मोबाइल सिराजुलहक हाशमी व फैजान अहमद अंसारी कहते हैं कि उच्चाधिकारियों को समस्या से अवगत करा दिया गया है। बीटीएस की संख्या कम होने के कारण काल ड्राप की समस्याएं अधिक आ रही है।