कुशीनगर में साधन सहकारी समिति बंद होने से किसान परेशान

कुशीनगर का हर्दोपट्टी गांव की समिति से कई गांवों के किसान जुड़े हैं उन्हें खाद बीज नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Dec 2020 11:58 PM (IST) Updated:Mon, 07 Dec 2020 11:58 PM (IST)
कुशीनगर में साधन सहकारी समिति बंद होने से किसान परेशान
कुशीनगर में साधन सहकारी समिति बंद होने से किसान परेशान

कुशीनगर: रबी की फसलों की बोआई अंतिम चरण में है, किसानों को बीज-खाद की जरूरत है। अगेती गेहूं की सिचाई के बाद खेतों में यूरिया डालनी है। साधन सहकारी समिति ठाकुर सेमरा हर्दोपट्टी बंद होने की वजह से किसान परेशान हैं।

क्षेत्र के संतोष उर्फ खोखा सिंह, प्रधान रेखा सिंह, कन्हैया सिंह, पप्पू सिंह, नयन सिंह, रुदल चौहान, लकड़ू चौहान, इद्रीस अंसारी, उमरावती देवी, चंद्रावती देवी, रमपतिया, सूरसती, कुंती आदि किसानों का कहना है कि इस समिति से राजापाकड़, सेमरा हर्दोपट्टी, सपही बुजुर्ग, सपही खुर्द, देवरिया वृत, चंद्रौटा, भेलया, खलवापट्टी, तार विशुनपुर आदि गांवों के किसान जुड़े हुए हैं। कई वर्षों से यहां खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाता है। कभी उर्वरक आ भी जाता है तो सभी किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता। किसान निजी दुकानों पर जाने को मजबूर हैं। परेशानी का सबब बनी एसएमएस से पर्ची की सूचना

दुदही गन्ना समिति से जुड़े किसानों का बुरा हाल है। मोबाइल पर एसएमएस से पर्ची की सूचना किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। पर्ची न मिलने से परेशान किसान सहज केंद्रों का चक्कर काट रहे हैं।

दुदही समिति में 21 गांवों के 4648 किसान सदस्य हैं। इन लोगों ने एक हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर गन्ने की अगेती व सामान्य प्रजाति की बोआई की है। गन्ने की खरीद के लिए दुदही ए, दुदही बी व चिरकुटहा में क्रय केंद्र स्थापित हैं। दो गांवों का गन्ना सेवरही चीनी मिल को आवंटित है। चालू सीजन में आपूर्ति टिकट की जानकारी मैसेज के जरिये मिलने की व्यवस्था है। अधिकांश किसानों का मोबाइल नंबर समिति या गन्ना विभाग में फीड नहीं है। इससे किसानों को एसएमएस नहीं मिल रहा है। सबसे अधिक परेशानी उन्हें हो रही जिन्हें गन्ना गिराकर गेहूं की बोआई करनी है। समिति व गन्ना विभाग सहित वह सहज केंद्रों का चक्कर लगा रहे हैं। वहां भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा है। किसान अपनी उपज सस्ते दाम पर क्रेशर पर बेचने को मजबूर हैं।

किसान रामेश्वर सिंह, मनोज सिंह, मंगल यादव, भरत यादव, विनोद कुशवाहा आदि का कहना है कि अधिकतर किसानों के पास मोबाइल फोन नहीं है। जिनके पास है उनको एसएमएस देखने की जानकारी नही है। गन्ना समिति के सचिव प्रमोद सिंह का कहना है कि एसएमएस प्रणाली से किसानों को परेशानी हो रही है। उच्चाधिकारियों को समस्या के निदान के लिए पत्र प्रेषित किया जा रहा है।

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