कुशीनगर के देवी मंदिरों में दर्शन पूजन को पहुंचे श्रद्धालु

वासंतिक नवरात्र पर मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की हुई आराधना नौ दिवसीय अनुष्ठान के लिए घरों में स्थापित किए गए कलश।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 01:21 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 01:21 AM (IST)
कुशीनगर के देवी मंदिरों में दर्शन पूजन को पहुंचे श्रद्धालु
कुशीनगर के देवी मंदिरों में दर्शन पूजन को पहुंचे श्रद्धालु

कुशीनगर : वासंतिक नवरात्र मंगलवार को प्रारंभ हो गया। सुबह से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालु पूजा पाठ के लिए पहुंचने लगे। जैसे ही मंदिरों के कपाट खुले श्रद्धालु आरती-पूजन में सम्मिलित होकर मां के दरबार में मत्था टेकने लगे। पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-आराधना की गई। लोगों ने घरों में भी कलश की स्थापना कर नौ दिन के अनुष्ठान की शुरुआत की। मंदिर पहुंचे अधिकांश भक्त मास्क लगाए तथा शारीरिक दूरी का पालन करते नजर आए। वहीं कुछ श्रद्धालु कोविड प्रोटोकाल की परवाह किए बिना भी पूजन-अर्चन करते दिखे। मंदिर प्रशासन की तरफ से भी कोविड-19 को लेकर जरूरी इंतजाम किए गए हैं। मंदिरों में हर बार की अपेक्षा भीड़ कम दिखी।

मां का दर्शन कर निहाल हुए भक्त

नगर का बुढि़या माई मंदिर भव्य रूप में सजाया गया। सुबह साढ़े चार बजे मंदिर का कपाट खुला तो महिलाओं ने सबसे पहले पूजन किया। यहां लोगों ने नीम के पेड़ में जल देकर माता शीतला की पूजा की। गायत्री मंदिर, कोट माई स्थान, शायरी माई, दुर्गा मंदिर में भी लोगों ने मत्था टेका। खन्हवार माई मंदिर में भजन कीर्तन होता रहा। रामकोला स्थित धर्म समधा भगवती, मैनपुर कोट, कुलकुला देवी, चेड़ा माई मंदिर, काली मंदिर, काली मां स्थान पर भी भक्तों ने मत्था टेका।

घरों में गूंजी मां की आरती

पहले दिन सुबह लोगों ने विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही घरों में कलश स्थापित कर लोगों ने अनुष्ठान भी शुरू कर दिया। कहीं दुर्गा सप्तशती का पाठ हुआ तो कहीं आरती के स्वर गूंजे। कुछ लोग नवरात्र के पहले दिन का व्रत रखे तो कुछ लोग नौ दिन व्रत रखेंगे।

तमकुहीराज क्षेत्र के मंदिरों में हुआ दर्शन-पूजन

तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर स्थित दुर्गा मंदिरों व प्रसिद्ध शक्तिपीठों का श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। मिलिया माई मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। मंदिर के प्रधान पुजारी उपेंद्र द्विवेदी श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान देते रहे। पुरानी बाजार स्थित काली मंदिर, विदेश्वरी बाबा पोखरा पर स्थित दुर्गा मंदिर, तमकुहीराज स्थित कुटिया माई मंदिर आदि देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बरवा राजापाकड़ स्थित प्रसिद्ध पीठ कठबसिया देवी स्थान, ग्राम पंचायत पकड़ी गोसाई स्थित घोड़ही देवी स्थान, पगरा प्रसाद गिरी के भागड़ा देवी स्थान व सभी ग्राम पंचायतों के काली स्थान पर श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन किया।

घर पर करें मां की अराधना : पं. राकेश

पंडित राकेश आचार्य कहते हैं कि शक्तिपीठों व मंदिरों का निश्चित रूप से अपना महत्व है, लेकिन घर पर भी मन से मां की अराधना की जाए तो मंदिरों में की गई अराधना जितना ही फल प्राप्त होता है। इसलिए कोरोनाकाल में घर पर रहकर ही पूजा करना उचित होगा। खुद सुरक्षित रहना और दूसरों को सुरक्षित रखना भी व्रत की ही तरह है।

कोरोना शांति के लिए प्रार्थना

मंगलवार को भोर से ही देवी मंदिरों पर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। पूजा-अर्चन कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा। क्षेत्र के कुलकुला स्थान, सतगुडही देवी स्थान, कुशीनगर रामाभार स्थित दुर्गा मंदिर, सिरसिया खोहियां, मैनपुर कोट स्थान आदि देवी स्थलों पर दिन भर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। भक्तों ने अगरबत्ती, कपूर जलाकर देवी की अराधना की। माथा टेक कर मन्नते मांगी तो कोरोना से शांति के लिए भी प्रार्थना की।

कुशीनगर, मल्लूडीह, सोहसा मठिया, गोबरही, हेतिमपुर, सपहा, फाजिलनगर, बेलवा कारखाना, सखवनिया, साखोपार, तुर्कपट्टी, जोकवा बाजार, जौरा बाजार, देवपोखर आदि संवाददाताओं ने भी क्षेत्र में श्रद्धा भाव से देवी पूजन किए जाने की सूचना दिया है।

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