ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि पर मरीजों में बांटा फल

कुशीनगर में विश्व हिंदू महासंघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया वक्ताओं ने ब्रह्मालीन महंत को राममंदिर आंदोलन का सबसे बड़ अगुवा बताया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 01:31 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 01:31 AM (IST)
ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि पर मरीजों में बांटा फल
ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि पर मरीजों में बांटा फल

कुशीनगर : विश्व हिदू महासंघ कुशीनगर के जिलाध्यक्ष डा. कमलेश शाही के नेतृत्व में गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि पर कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उसके बाद जिला अस्पताल के मरीजों में फल बांटा गया।

जिलाध्यक्ष ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ हिदुत्व की रक्षा के लिए हमेशा अगली पंक्ति में खड़े रहते थे। उन्होंने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए सबसे पहले आंदोलन चलाया था। देश ही नहीं विदेशों में बसे हिदुओं के स्वाभिमान व अस्मिता की रक्षा के लिए वह हमेशा तैयार रहते थे। मंडल प्रभारी दिग्विजय किशोर शाही ने कहा कि उत्तराधिकारी महंत योगी आदित्यनाथ, ब्रह्मलीन महंत जी की विरासत बखूबी संभाल रहे हैं। उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास के नए आयाम गढ़ रहा है। राजन जायसवाल, डा. आलोक शाही, जयप्रकाश पांडेय, गोरख मिश्र, सुभाष जायसवाल, रामानंद यादव आदि मौजूद रहे।

भगवान कृष्ण के जन्म की कथा सुन भावविभोर हो गए श्रोता

तमकुही ब्लाक के बरवा राजापाकड़ गांव के सपहीं बरवा टोला में हनुमान भजन मंडल के तत्वावधान में श्रीराधा अष्टमी के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन शुक्रवार की रात कथा वाचक आचार्य विनय शास्त्री से भगवान श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया। श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।

उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान अवतार लेते हैं। कच्छप एवं मोहिनी अवतार लेकर प्रभु ने देवताओं का कल्याण किया, वामन अवतार लेकर राजा बलि को दानवीर भक्त बना दिया। जब कंस व जरासंध जैसे अत्याचारी राजाओं के पाप से धरती डोलने लगी तब भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया। कथा सुन श्रद्धालु जयकारा लगा उठे।

इस दौरान रघुनाथ कुशवाहा, प्रभुनाथ कुशवाहा, कन्हैया कुशवाहा, अभिषेक कुशवाहा, छठ्ठू व्यास, लाल पहाडी कुशवाहा नवीन, पांडेय आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

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