रोजा के दौरान करें कोविड प्रोटोकाल का पालन
कुशीनगर में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा कि लोग बढ़चढ़ कर वैक्सीनेशन में निभाएं भागीदारी संक्रमण से बचने के लिए बहुत जरूरी है सतर्कता।
कुशीनगर : कोरोना वायरस का संक्रमण नए रूप में सामने आया है। इससे बचाव का एकमात्र उपाय कोविड प्रोटोकाल का पालन करना है। बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। शारीरिक दूरी का पालन करें, मास्क जरूर लगाएं। साथ ही टीका लगवाना भी सुनिश्चित करें। नमाज घरों में भी पढ़ी जा सकती है। इससे भी आपकी इबादत खुदा कबूल करेंगे।
यह कहना है मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोगों का। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच समाज के अगुआ आगे आए हैं। उनका मानना है कि विश्व के सामने सबसे बड़ा धर्म, कोरोना का खात्मा कर मानव जाति को बचाना है। इसके लिए इस्लाम धर्म में पाक महीना रमजान से बेहतर कोई और मौका नहीं हो सकता। मुस्लिम समाज के लोगों से कोरोना के खात्मे के लिए रोजा के दौरान दुआ करने की अपील की है।
मौलाना साबिर अली ने कहा कि समाज के सभी लोगों को सरकारी फरमान का पालन करना चाहिए। रोजा के दौरान हर रोजेदार अल्लाह से दुआ करे कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण वह शीघ्र समाप्त करें।
इमामबाड़ा मस्जिद कसया के मो.दरवेश आलम ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है। बिना वजह घर से बाहर न निकलें। मस्जिद में नमाज के लिए जाएं तो दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी का पालन अवश्य करें। जरूरतमंदों की मदद सच्ची इबादत होगी।
जिलाध्यक्ष मोमिन अंसार सभा मोइनुद्दीन अंसारी ने कहा कि इस्लामिक कानून के अनुसार कोई तीन जुम्मा छोड़ता है तो वह पाप का भागीदार होता है , लेकिन यदि कोई बीमार या कैद में हो तो उसकी जुम्मा की नमाज माफ मानी गई है। कोरोनाकाल में मस्जिदों में भीड़ के साथ नमाज पढ़ने से बेहतर है घर में ही नमाज पढ़ी जाए।
धुरिया मस्जिद के सचिव हाजी छेदी ने कहा कि आम अवाम से गुजारिश है कि एकजुट रहकर सभी सबका सहयोग करें। घर में रहें, वैक्सीनेशन करावें और अपने समाज और मुल्क की सलामती के लिए दुआ करें। सरकार की गाइड लाइन का पालन जरूर करें।