कुशीनगर से अक्टूबर में उड़ान संभव, तैयारी में जुटा प्रशासन
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई एनवायरमेंटल कमेटी की बैठक पांच किमी. के दायरे में मांस की बिक्री प्रतिबंधित।
कुशीनगर : कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से अक्टूबर में उड़ान शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि आधिकारिक रूप से कोई तिथि निश्चित नहीं की गई है किंतु तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने गुरुवार दोपहर को यह बात पत्रकारों को बताई। डीएम एयरपोर्ट पर एनवायरमेंटल कमेटी की बैठक लेने आए थे।
उन्होंने एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी के साथ बैठक कर उड़ान की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में एयरपोर्ट से फोरलेन अप्रोच रोड का निर्माण जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। 41 गांवों में एयरपोर्ट अथारिटी की एनओसी के बिना कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (कसाडा) कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं करेगा। एनओसी के लिए कसाडा अपना सर्वेयर नियुक्त करेगा। वह एयरपोर्ट अथारिटी से समन्वय बनाकर एनओसी की प्रक्रिया पूरी करेंगे। उड़ान के दौरान बर्ड हिट की स्थिति रोकने के लिए एयरपोर्ट की पांच किमी परिधि में खुले में मांस कटने-बिकने, स्लाटर हाउस आदि पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। टर्मिनल बिल्डिग के बाहर उद्यान व्यवस्थित करने की बात डीएम ने पूछी तो प्रबंधक सुरक्षा संतोष मौर्य ने यह कार्य गोरखपुर की एक निजी कंपनी से कराए जाने की जानकारी दी। डीएम ने अधूरे कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा, एसडीएम प्रमोद तिवारी, अधिशासी अधिकारी प्रेम शंकर गुप्त, डीपीआरओ अभय कुमार यादव आदि उपस्थित रहे।
प्रतिबंध के दायरे में आ रहे यह गांव
रेड जोन में भलुही मदारी पट्टी, शाहपुर, मथौली, भरौली, पकड़ी, अराजी परसौनी, बैरिया राजा, बेलवा रामजस, नरकटिया खुर्द, नीबी, सेमरी, बेलवा दुर्गाराय, खरतारी, मिश्रौली, खोराबर, नरायनपुर, डिघवा खुर्द, पतयां, परसहवां, नकहनी, भठहीं राजा, भठहीं बाबू, महुई खुर्द, परसौनी, मदरहां, भरवलिया, परसौनी वीर छपरा, नरकटिया, महुंई बुजुर्ग, तुर्कवलिया, चेंगौना जनुबी, चेंगौना सुमाली, सोहसा पट्टी गौसी, परेवाटार, अहिरौली राजा, चरगहां, तुर्कवलिया दरियाव सिंह, कनखोरिया, डिघवा बुजुर्ग, नैकाछपरा व कुरमौटा सहित कुल 41 गांव आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त यलो जोन में 96 गांव एवं पर्पल जोन में 77 गांव आ रहे हैं। रेड जोन में किसी भी दशा में मकान नहीं बन सकेंगे। यलो जोन में एनओसी लेकर नक्शा पास कराना होगा लेकिन भूमितल तक ही निर्माण हो सकेगा। पर्पल जोन के लिए नक्शा व एनओसी लेना होगा, इसमें भूमि तल के बाद भी निर्माण हो सकेगा।