गन्ने के साथ आलू व लहसुन की खेती करें किसान : रजनीकांत

कुशीनगर की न्यू इंडिया सुगर मिल ढाढ़ा में किसान गोष्ठी में विधायक ने किसानों को बताया कि जलवायु परिवर्तन की वजह से खेती पर सर्वाधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 11:30 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 11:30 PM (IST)
गन्ने के साथ आलू व लहसुन की खेती करें किसान : रजनीकांत
गन्ने के साथ आलू व लहसुन की खेती करें किसान : रजनीकांत

कुशीनगर : गन्ने के साथ लहसून व आलू बोकर किसान दोहरा लाभ ले सकते हैं। क्षेत्र में गन्ने की खेती अब चुनौती पूर्ण हो गई है। ग्लोबल वार्मिग के कारण जलवायु में अत्यधिक बदलाव से कहीं अतिवृष्टि तो कहीं सूखे के कारण फसल प्रभावित हो रही है। इससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।

यह बातें कुशीनगर के विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने रविवार को कहीं। वे ढाढ़ा स्थित न्यू इंडिया सुगर मिल में आयोजित किसान गोष्ठी में कहीं। उन्होंने कहा कि मौसम में तेजी से आए बदलाव को देखते हुए किसान को अपनी फसल प्रणाली को अब बदलना होगा। किसान 50 फीसद गन्ना शरद काल में और 50 फीसद गन्ना मार्च तक बोएं। कहा कि गन्ना सूखने की शिकायत जिलाधिकारी से की गई है। गन्ना जब भी बोएं वैज्ञानिकों की राय पर ही बोएं ताकि अच्छी पैदावार हो सके। हाटा विधायक पवन केडिया ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए ²ढ़ संकल्पित है। अधिशासी अधिकारी करन सिंह ने कहा कि किसान अपने गन्ने का रकबा दोगुना करें। तभी भविष्य में यह मिल चल पाएगी। अब इस मिल की पेराई क्षमता 150 लाख क्िवटल प्रति वर्ष हो गई है। जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश ने कहा कि दो वर्षों में जिले में 600 करोड़ से अधिक का गन्ना सूख गया। पूर्व चेयरमैन बंटी सिंह ने कहा कि मिल में आए हुए किसानों का मिल प्रबंधन सम्मान करे तथा मिल द्वारा इतनी छूट देनी चाहिए कि किसान सामान्य व अर्ली गन्ना बो सकें। उप गन्ना आयुक्त उषा पाल ने कहा कि किसान सामान्य व अर्ली गन्ना उगा सकते हैं। सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि गन्ने के साथ लहसुन व आलू बोना किसानों के लिए वरदान साबित होगा। कहा कि गन्ने के साथ सहफसली खेती को बढ़ावा देने के लिए गांव गांव में प्रशिक्षण तथा गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। पूर्व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जेपी शाही आदि ने भी संबोधित किया। गोष्ठी की अध्यक्षता छेदी सिंह ने की, संचालन मजीबुल्लाह राही ने किया। दीप मिश्र, डीडी सिंह, ओमप्रकाश मिश्र, दिवेंद्र मणि, रविद्र द्विवेदी, मुन्नी सिंह यादव, सुभाष पांडेय, सुभाष सिंह आदि मौजूद रहे।

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