न्यायालय के आदेश पर हटाया गया अतिक्रमण

फसल अच्छी होने से किसान काफी खुश थे। उन्हें विश्वास था कि पिछले वर्ष की क्षति की भरपाई हो जाएगी लेकिन प्रकृति की मार से कराह रहे किसानों को भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है। पक कर तैयार फसल खेत में गिर गई है। कटाई के लिए मजदूर तैयार नहीं हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:40 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:40 PM (IST)
न्यायालय के आदेश पर हटाया गया अतिक्रमण
न्यायालय के आदेश पर हटाया गया अतिक्रमण

कुशीनगर: न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को तहसील प्रशासन ने धोकरहा गांव के टोला चकदहवां में ग्राम सभा की भूमि पर से अवैध कब्जे को जेसीबी लगवाकर हटवाया गया। गांव निवासी रामचंद्र ने उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था कि ग्रामसभा की सार्वजनिक भूमि पर कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने दो बार अतिक्रमण हटवाने का आदेश तहसील प्रशासन को दिया था, लेकिन प्रशासन ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उक्त मामले में सोमवार को फिर न्यायालय में पेशी थी। इस भय से तहसीलदार दीपक गुप्ता, कानूनगो कृष्णमोहन यादव, ओमप्रकाश, जयनाथ, अश्वनी राय, लेखपाल हीरालाल, अरविद रावत, अच्छेलाल की टीम मौके पर पहुंच अतिक्रमण हटवाया। इस दौरान एसएचओ बरवापट्टी सुरेश चंद्र राव, एसआई राघवेन्द्र सिंह समेत सेवरही, विशुनपुरा, पटहेरवा सहित पांच थाने का फोर्स मौके मौजूद रहा।

असमय बारिश से फसल हुई बर्बाद, किसान चितित

बेमौसम तेज हवा के साथ मूसलधार बारिश की मार से धान, गन्ना एवं सब्जी की खेती बर्बाद हो जाने से किसान भविष्य को लेकर चितित हैं। अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में तेज हवा के साथ हुई बारिश से धान की फसल जमींदोज हो गई है। खेतों में जलभराव से शीघ्र पकने वाली प्रजाति की कटाई की समस्या खड़ी हो गई है।

फसल अच्छी होने से किसान काफी खुश थे। उन्हें विश्वास था कि पिछले वर्ष की क्षति की भरपाई हो जाएगी, लेकिन प्रकृति की मार से कराह रहे किसानों को भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है। पक कर तैयार फसल खेत में गिर गई है। कटाई के लिए मजदूर तैयार नहीं हो रहे हैं। जिन किसानों ने फसल काटकर सूखने के लिए छोड़ा था, वह पानी में डूबने से सड़ने की स्थिति में आ गई है। राणा सिंह, हरेश पांडेय, ठाकुर शर्मा, मुकेश नाथ तिवारी, धर्मेंद्र सिंह, हरि यादव, कैलाश प्रसाद, नीलेश नाथ तिवारी, सीताराम सिंह, प्रदीप शर्मा आदि ने कहा कि पानी में डूबी फसल को किसी तरह बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन परिश्रम को देखते हुए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है। खेतों में जलभराव से तिलहन व आलू के साथ रबी की अन्य फसलों की बोआई में विलंब होने की आशंका है।

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