ड्रेनों पर अतिक्रमण व जलभराव से बर्बाद हो रही फसल
कुशीनगर के सेवरही क्षेत्र के किसानों को 125 करोड़ रुपये से अधिक की हो चुकी है क्षति तहसील क्षेत्र के सभी 28 ड्रेनों की हो सफाई तो मिले राहत।
कुशीनगर : फसल को जलभराव से बचाने के लिए बनाए गए ड्रेन ही अब उनकी बर्बादी का कारण बन गए हैं। इसका मुख्य कारण अतिक्रमण है। बीते तीन मानसून सत्र में अतिवृष्टि व जलनिकासी न होने से सेवरही चीनी मिल परिक्षेत्र में गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है। रेडराट रोग के कारण 2018-19 की अपेक्षा 2020-21 में 8.83 लाख क्विंटल गन्ना का उत्पादन कम हुआ, जबकि इस अवधि में 543 हेक्टेयर अधिक क्षेत्रफल में किसानों ने गन्ने की खेती की थी।
चीनी मिल के आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में 21108 हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई थी। चीनी मिल ने 252.43 करोड़ रुपये के 78.98 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की। 2019-20 में 21651 हेक्टेयर गन्ना बोया गया, 225.18 करोड़ रुपये के 70.15 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई। 2020-21 में गन्ना क्षेत्रफल घटकर 20914 हेक्टेयर रह गया, जिसमें महज 139.56 करोड़ रुपये का 43.43 लाख क्विंटल ही गन्ने का उत्पादन हो सका। इस वर्ष गन्ना किसानों को 112.87 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। दूसरी ओर विभाग ने अब इसकी रिपोर्ट प्रशासन को भेजी है ताकि किसानों को इस समस्या से निजात मिल सके। हालांकि, रिपोर्ट के आधार पर अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि प्रशासन शीघ्र ही कोई ठोस निर्णय लेगा।
बारिश ने भी तोड़ा रिकार्ड
मौसम विभाग के अनुसार वर्ष 2018 में 993.,85 मिमी वर्षा हुई थी। 2019 में 1426.97, 2020 में 1892.00 मिमी तो 2021 में 1522.47 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। आंकड़ों के अनुसार तीन वर्षों में अत्यधिक बारिश हुई। तहसील क्षेत्र में वर्षा जल की निकासी के लिए 28 ड्रेन हैं। मानसून के पूर्व चकदहा ड्रेन, चखनी, मिश्रौली, सोंदा, लवकुश, पांडेय पट्टी, कोइलसवा, शेरपुर व बनबीरा ड्रेनों की सफाई हुई। बांकखास ड्रेन, बिहार ड्रेन, धूमपट्टी ड्रेन की पूरी सफाई नहीं हुई। दवनहां, हाटा मठिया, कितामंतल, धुरिया हाटा व तमकुही ड्रेन की सफाई ही नहीं हुई। महासोन व नोनियापट्टी ड्रेन के टेंडर की प्रक्रिया लंबित है, सुल्तानपुर ड्रेन का टेंडर ही नहीं हो सका है। चीनी मिल द्वारा लबनिया ड्रेन की सफाई शुरू कराई गई है। सरगटिया ड्रेन, हाटा, अजयनगर, गौरी इब्राहिम, टंडवा, भटवलिया व हरिहरपुर ड्रेनों को पाटकर खेत बना लिया गया। कई जगह पक्का निर्माण कर लिया गया है।
- जहां-जहां लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर डीएम को भेज दी गई है। जैसा प्रशासन का निर्णय होगा किया जाएगा। इससे किसानों को तबाही का सामना करना पड़ रहा है।
- महेश कुमार सिंह, एक्सईएन सिचाई विभाग, कुशीनगर
- जलनिकासी के लिए बने ड्रेनों पर अतिक्रमण दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। अतिक्रमणकारियों की सूची मंगा ली गई है। शीघ्र ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
- एस राजलिगम, डीएम, कुशीनगर