कुशीनगर में स्पर का आठ मीटर स्लोप कटा, दहशत

कुशीनगर में एपी बांध पर खतरा मंडराने लगा है नारायणी नदी खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर नीचे बह रही है डिस्चार्ज व जलस्तर में कमी के बावजूद बांध पर दबाव कायम है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 12:55 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 12:55 AM (IST)
कुशीनगर में स्पर का आठ मीटर स्लोप कटा, दहशत
कुशीनगर में स्पर का आठ मीटर स्लोप कटा, दहशत

कुशीनगर : तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में नारायणी नदी के एपी बांध के किमी 12.860 बाघाचौर के नोनिया पट्टी में दबाव बढ़ने से स्पर का आठ मीटर स्लोप कट गया है। इससे बांध पर दबाव बढ़ गया। नदी का रुख देखकर ग्रामीणों में दहशत है। विभागीय कामगार बोरे में मिट्टी भरकर व गैवियान के माध्यम से बचाव कार्य कर रहे हैं। नदी के डिस्चार्ज व जलस्तर में कमी के बावजूद बांध पर दबाव बना हुआ है।

गुरुवार को वाल्मीकि नगर बैराज से 1.69 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हुआ। पिपराघाट गेज पर जलस्तर 75.10 सेंटीमीटर पर दर्ज किया गया। नदी खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। बांध के किमी 17 अहिरौलीदान के कचहरी टोला, किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने, नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। कचहरी टोला, नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर स्लोप पर बचाव कार्य चल रहा है। बाढ़ खंड के एसडीओ एसके प्रियदर्शी ने बताया कि बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।

बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह ने बताया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। स्पर के कटे स्लोप की मरम्मत की जा रही है। खतरे जैसी अभी कहीं कोई बात नहीं है। विभाग की नजर हर संवेदनशील प्वाइंट पर है।

कटान के डर से नौका टोला के लोग भयभीत

लगातार बारिश की वजह से छोटी गंडक का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। पानी के दबाव से कटान भी हो रही है। उफनाई नदी का रुख देख किनारे बसे टोलों के लोग भयभीत हैं।

नेबुआ नौरंगिया ब्लाक के मड़ार बिदवलिया गांव में नदी के किनारे बसे नौका टोला के सामने इस समय नदी दबाव बना रही है। किनारा कटकर नदी की धारा में विलीन हो रहा है। नौका टोला में मोतीलाल मद्धेशिया, रामचंद्र कुशवाहा, दहारी गुप्ता, राजकुमार, अभिनंदन, विनोद सिंह समेत 20 लोगों का घर है। उनका कहना है कि नदी व आबादी के बीच महज कुछ मीटर ही दूरी रह गई है। इसकी जानकारी प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को दी गई है, लेकिन बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अगर शीघ्र कटान रोकने की व्यवस्था नहीं की गई तो नौका टोला का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

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