कुशीनगर में बुद्धस्थली को ग्रीन बेल्ट बनाने की कवायद तेज
कुशीनगर में बुद्ध मंदिर मार्ग पर एरिक पाम और मोरपंखी के रोपे गए दो सौ पौधे ईओ ने कहा कि तीन हजार पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है।
कुशीनगर: अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली कुशीनगर को ग्रीन बेल्ट बनाने की कवायद तेज हो गई है। बुद्ध मंदिर मार्ग के किनारे एरिक पाम और मोरपंखी के लगभग दो सौ पौधों का रोपण किया गया।
महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर के सामने सड़क के किनारे गर्मी में सूख गए पेड़ों के स्थान पर पाम लगाए गए। साथ ही बुद्धा पार्किंग के सामने भी पाम का रोपण किया गया। माथा कुंवर बुद्ध मंदिर के सामने लगभग एक दर्जन मोरपंखी (थूजा बायोटा) का रोपण किया गया। यहां पहले से ही एरिक पाम लगाया जा चुका है। इन पौधों के रोपण से कुशीनगर में ग्रीन बेल्ट बनाने की योजना परवान चढ़ रही है। इससे बुद्ध मंदिरों का आकर्षण भी बढ़ गया है। महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर के सामने ग्रीन काटेज बनाया गया है। इसमें तेज धूप के समय बैठ कर पर्यटक प्राकृतिक छांव का आनंद ले सकेंगे। ईओ प्रेमशंकर गुप्त ने बताया कि लगभग दो सौ पौधे लगाए गए हैं। कुशीनगर में भविष्य में लगभग तीन हजार शोभाकार पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है।
बदहाली के दौर से गुजर रहा कृषि प्रसार कार्यालय
हाटा तहसील क्षेत्र के सुकरौली स्थित उप संभागीय कृषि प्रसार कार्यालय बदहाली के दौर से गुजर रहा है। देखरेख के अभाव में भवन जर्जर हो गया है। बारिश में छत टपकने लगती है, कर्मचारियों को भवन गिरने का डर सताता रहता है।
प्रशिक्षण व जनसंपर्क योजना के तहत इस उप-संभागीय कृषि प्रसार केंद्र की स्थापना 20 जुलाई 1992 को हुई थी। केंद्र का उद्देश्य सुकरौली, हाटा, मोतीचक, रामकोला व कप्तानगंज के किसानों को नई तकनीकी की जानकारी दे कृषि उत्पादन बढ़ाना है। विभाग द्वारा एक हजार किसानों पर एक किसान सहायक की नियुक्ति की गई है, जो रवि, खरीफ, जायद, तिलहन, दलहन के फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए हर न्याय पंचायत में कृषि विशेषज्ञों के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का कार्य करेंगे। कृषि प्रसार अधिकारी का पद वर्षों से रिक्त है। बदहाली का आलम यह है कि कार्यालय स्थित मृदा परीक्षण लैब में पानी टपकने से उपकरण व अभिलेख खराब हो रहे हैं। विषय वस्तु विशेषज्ञ राकेश पांडेय ने बताया कि भवन के जर्जर होने की शिकायत अधिकारियों से की गई है। बारिश होने पर इस कार्यालय में हमलोग कार्य नहीं कर पाते हैं। भवन के गिरने का डर बना रहता है।